पहाड़ में बना रहे थे नया घर और माँ से किया था दिवाली पर घर आने का वादा, लेकिन अब बेटा तिरंगे में लपेटकर आएगा घर
नए घर का सपना रहा अधूरा और घर पर फ़ोन कर कहा था दिवाली में आऊंगा – अनंतनाग हमले में शहीद राजेंद्र की कुछ दिन पूर्व ही परिजनों से बात हुई थी। वह दीपावली पर घर आने वाला थे। उन्होंने अवकाश के लिए भी आवेदन कर दिया था। परिजन जहाँ बेटे के घर आने की राह देख रहे थे, वही अब बेटा तिरंगे में लपेटकर घर पहुंचेगा। घर की आर्थिक स्थति भी उतनी मजबूत नहीं हैं , शहीद के पिता चंद्र सिंह गांव में ही खेतीबाड़ी कर आजीविका चलाते हैं। मां मोहिनी देवी गृहणी हैं। तीन बहनों के इकलौते अविवाहित भाई राजेंद्र की बड़ी बहन रेखा की शादी हो चुकी है। दो छोटी बहन खीमा और पूजा की जिम्मेदारी राजेंद्र के कंधों पर ही थी। दिल के कलेजे की इस शहादत से माँ बार – बार बेहोश हो जा रही है , रिस्तेदार और पड़ोसी सांत्वना देकर माँ को ढाढ़स बधा रहे है।राजेंद्र सिंह के पास पहले पुश्तैनी घर था , सेना में भर्ती होने से पहले राजेंद्र के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। जिसकी वजह से परिवार इसी घर में रहता था। भर्ती होने के बाद राजेंद्र ने हाल ही में अपने गांव में नया मकान बनाने का काम शुरू किया था। लेकिन राजेंद्र अपने सपनों के घर को नहीं देख पाए ।
पार्थिव शरीर शनिवार तक पहुंचने की उम्मीद- बता दे की शहीद राजेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को गांव पहुंचने की उम्मीद है। शहीद को विमान से दिल्ली लाया जाएगा फिर बरेली से सैन्य वाहन से पिथौरागढ़ पहुंचेगा। पिथौरागढ़ से पार्थिव शरीर को बडेना गांव ले जाया जाएगा। शहीद की अंत्येष्टि स्थानीय घाट में सैन्य सम्मान के साथ होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ निवासी सैनिक राजेंद्र सिंह बुंगला की शहादत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी।