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Uttarakhand Martyr

अल्मोड़ा

उत्तराखण्ड

अल्मोड़ा: पंचतत्व में विलीन हुए लांसनायक शहीद दिनेश, पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि

गमहीन माहौल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुआ शहीद (Martyr) दिनेश सिंह गैडा का अंतिम संस्कार..

जब तक सूरज चांद रहेगा दिनेश तेरा नाम रहेगा, दिनेश तेरा ये बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान जैसे गगनभेदी नारों के साथ देवभूमि उत्तराखंड का एक और वीर सपूत दिनेश सिंह गैडा पंचतत्व में विलीन हो गया। परिजनों के अंतिम दर्शन करने के बाद शहीद (Martyr) जवान की अंतिम यात्रा गांव से तीस किमी दूर स्थित घाट तक निकाली गई, जिसके बाद पैतृक घाट पर शहीद जवान का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सेना के जवानों ने मातमी धुन के साथ सलामी देकर अपने वीर साथी को अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा से पहले शहीद के क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या सामाजिक दूरी के साथ एकत्रित होकर अपने इस बहादुर बेटे को नम आंखों से भावभीनी विदाई दी। शहीद दिनेश के अंतिम संस्कार में उत्तराखण्ड सरकार की ओर से जहां कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान ने शहीद के पार्थिव शरीर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी, वहीं जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने भी शहीद को श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। बता दें कि शहीद का पार्थिव शरीर बीते सोमवार को मौसम खराब होने के कारण नहीं पहुंच पाया था। इसी कारण आज भी पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से लाया गया।



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मां तुलसी देवी व बहन ममता के करुण क्रंदन से छलक उठी उठी हर किसी की आंखें:

गौरतलब है कि राज्य के अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील स्थित ध्याड़ी क्षेत्र के मिरगांव का रहने वाला लांसनायक दिनेश सिंह गैडा बीते शनिवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद हो गया था। आज जैसे ही शहीद दिनेश का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो पूरा आसमान भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, दिनेश गैडा अमर रहे के नारों से गूंज उठा। घर के आंगन में पार्थिव शरीर के पहुंचते ही दिनेश की मां तुलसी देवी तथा बहन ममता के आंखों से अश्रुओं की धारा बहने लगी। दोनों का करूण रूद्रन सुनकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। यहां तक कि इस करूण दृश्य ने दिनेश के पार्थिव शरीर को लाने वाले सेना के जवानों की आंखों में भी आंसू ला दिए। अब तक किसी तरह खुद के दुःख को छिपाने वाले दिनेश के फौजी पिता गोधन सिंह भी बेटे को तिरंगे में लिपटा हुआ देखकर संभल नहीं पाए, उन्होंने पहले तो शहीद बेटे का माथा चूमा और फिर फफक-फफक कर रो पड़े।


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