पुलवामा आतंकी हमले में शहीद मोहनलाल रतूड़ी की अंतिम विदाई में बेटी ने किया पिता की शहादत को सलाम
शहादत की खबर से उनके पैतृक गांव बनकोट में मातम पसरा है। गांव वाले प्रधानमंत्री मोदी से शहादत का बदला लेने की मांग कर रहे हैं। पैतृक गांव में फिलहाल उनकी भाभी रहती है, जिनको उनकी शहादत की खबर लगी तो वो भी बेसुध हो गयी थी। उनकी भाभी कहती है कि शहीद मोहन ने जल्दी ही गांव आने की बात भी कही थी, लेकिन अचानक ये दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं उनके बच्चे देहरादून में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। शहीद के दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। गांव वालों का कहना है कि अब सरकार को आतंकवाद के खिलाफ आरपार की लड़ाई करनी चाहिए। गाँव वाले कहते है , उनका व्यवहार बहुत मिलनसार था और वो 24 साल पहले बनकोट गांव में रामलीला में राम का अभिनय भी करते थे। वो कहते है की मोहनलाल रतूड़ी का चरित्र व व्यवहार गांव तथा क्षेत्र में राम के जैसा ही था। बताते चले की हरिद्वार में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा में जब तक सूरज चांद रहेगा, मोहन तेरा नाम रहेगा का नारा गूंजता रहा।