हमारे समाज में आये दिन ऐसी घटनाये होती है , जो कहीं न कहीं ह्रदय को झकझोर कर रख देती है। लेकिन उत्तराखण्ड के विकासनगर में एक ऐसी ह्रदय विदारक घटना हुई है ,जिसने माँ की ममता पर ऊँगली उठा दी है। हां वो बात जरूर है की ये कदम माँ बाप ने बहुत मज़बूरी में उठाया है। मामला है, देहरादून का जहाँ ऑपरेशन से डिलीवरी कराने के लिए लिया कर्ज न चुका पाने पर एक दंपती ने अपने इकलौते दुंधम़ुंहे बेटे को 50 हजार रुपये में बेच दिया। 10 रुपये के स्टांप पर बेटे का सौदा कर दिया। खरीदने वाली पूजा गुरंग पूर्व सैनिक की बेटी है।
बता दे की प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना विकासनगर कोतवाली के बाबूगढ़ क्षेत्र की है। कोतवाल महेश जोशी के अनुसार यहां परविंदर उर्फ रॉकी अपनी पत्नी सिमरन के साथ रहता है। वह मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। डेढ़ साल पहले उसकी पत्नी की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी, जिसके लिए उसने अपने किसी परिचित से 20 हजार रुपये कर्ज लिया था, लेकिन वह उसे चुका नहीं पा रहा था। इस बीच, सिमरन ने वहां के एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक नर्स कांता राणा से अपनी परेशानी साझा की और अपने दुधमुंहे बेटे अर्जुन को बेचने की बात कहीं। नर्स ने देहरादून में ही अपनी सहेली पूजा गुरुंग से संपर्क कर पचास हजार रुपये में बच्चे का सौदा करवाया। कोतवाल के अनुसार पूजा ने उसे बहुत पहले बताया था ,कि वह आजीवन बिना शादी के ही रहना चाहती है, लेकिन उसकी इच्छा किसी बच्चे को गोद लेकर उसे पालने की है। नर्स ने ही दून के गढ़ी कैंट क्षेत्र निवासी पूजा और पूर्व सैनिक की बेटी से मिलवाया।
दंपती ने बीते 3 दिसंबर को यह सौदा कर लिया और बच्चे के बदले में 50 हजार रूपये ले लिए , सौदा होने के बाद रविवार को पूजा गुरंग बच्चे को लेने के लिए आई थी। मां कलेजे के टुकड़े की जुदाई ज्यादा दिन सहन नहीं कर पायी। करीब एक महीने के बाद जब मां की ममता जागी तो महिला पति से बेटे को वापस लाने की बात पर अड़ गई। दंपति ने बच्चा खरीदने वाली पूर्व सैनिक की बेटी से बच्चा वापस मांगने की जिद की। विवाद बढ़ने पर मामला थाने तक पहुंचा और मां-बाप, बिचौलिये तथा खरीदार को हिरासत में ले लिया गया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया।