जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए देवभूमि उत्तराखंड के वीर जांबाज योद्धा विरेन्द्र सिंह राणा की शहादत को राज्य सरकार ने भी सलाम किया है। सीआरपीएफ के इस शहीद जवान की शहादत को नमन करते हुए जहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्थानीय शाखा ने शहीद के परिजनों को खटीमा के सभी निजी अस्पतालों में आजीवन निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने के साथ ही शहीद के परिजनों को ओपीडी में प्राथमिकता के आधार पर देखने की घोषणा की है, वहीं ऊधमसिंहनगर के खटीमा के विधायक पुष्कर सिह धामी भी खटीमा के इस शहीद बेटे के नाम पर एक द्वार बनाने की घोषणा कर चुके हैं। इसी बीच सरकार ने भी एक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम शहीद वीरेंद्र सिंह के नाम पर करने की घोषणा की है। जिसका स्वीकृति पत्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में खुद पूर्व सांसद बलराज पासी ने शहीद वीरेंद्र के पिता को अपने हाथों से सौंपा। जिसके बाद खटीमा के मोहम्मपुर भुड़िया स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अब शहीद वीरेंद्र सिंह राणा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहम्मपुर भुड़िया के नाम से जाना जाएगा। अब हर बच्चे- बच्चे की जुबाँ पर इस वीर सैनिक का नाम होगा।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में उधम सिंह नगर जिले के खटीमा थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर भुढ़िया गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह राणा भी शहीद हो गए थे। शहीद वीरेंद्र सिंह राणा की शहादत की खबर लगते ही शहीद के परिजनों की मदद को तमाम हाथ आगे बढ़े हैं। शहीद के परिजनों की मदद को सबसे पहले थारू राणा परिषद, तथा प्राथमिक शिक्षक संघ आगे आए। थारू राणा परिषद द्वारा शहीद के परिजनों को 21 हजार का चेक सौंपा गया है। खटीमा के इस वीर जांबाज की शहादत को ध्यान में रखकर सरकार ने खटीमा के एक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को शहीद के नाम पर करने की घोषणा की थी। अपनी घोषणा पर अमल करते हुए मंगलवार को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पूर्व सांसद बलराज पासी ने स्वयं राज्यपाल के हस्ताक्षर वाला स्वीकृति पत्र शहीद वीरेंद्र सिंह के पिता दीवान सिंह राणा को अपने हाथों से प्रदान किया। जिसके बाद वीरेंद्र के गांव स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अब शहीद वीरेंद्र सिंह राणा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहम्मपुर भुड़िया के नाम से जाना जाएगा।
बता दें कि इससे पहले खटीमा के विधायक पुष्कर सिह धामी भी शहीद के नाम पर द्वार बनाने की घोषणा कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर आएमए के अध्यक्ष डॉ. उमेश सुंदास ने मंगलवार को अपने निर्णय के आधार पर एक प्रमाण पत्र शहीद के परिजनों को सोंपा। इस प्रमाण पत्र को दिखाकर अब शहीद वीरेंद्र के परिजन क्षेत्र के किसी भी निजी अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ ले सकेंगे। इसके साथ ही वीरेंद्र के परिजनों को इस प्रमाण पत्र के आधार पर अब ओपीडी में भी प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। सरकार तथा स्थानीय स्वयंसेवकों की ओर से की गई इस मदद से जहां एक ओर वीरेंद्र के परिजनों को इस कठिन समय में थोड़ा सहारा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्थानीय शाखा के निर्णय से अस्पताल में भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।