IAF pilot sqn leader lokendra Singh sindhu rohtak haryana martyr jaguar plane crash churu rajsthan:स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु की शहादत: एक माह का बेटा गोद में लिए पत्नी की नम आंखें, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
IAF pilot lokendra Singh sindhu: बीते बुधवार को राजस्थान के चूरू में हुए विमान हादसे में मां भारती के दो वीर सपूत शहीद हो गए थे। शहीद जवानों की पहचान स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह के रूप में हुई है। बताया गया है कि यह हादसा उस वक्त घटित हुआ जब चूरू में भारतीय वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पायलट ने अपनी समझ और सूझबूझ से इस हादसे को और भी अधिक भयावह होने से बचा लिया। उन्होंने पूरी कोशिश की विमान गांव में ना गिरे। बताते चलें कि इस हादसे में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद पायलट लोकेंद्र सिंह मूल रुप से हरियाणा के रोहतक के खेड़ी साध गांव रहने वाले थे।
उड़ान से पहले लोकेंद्र ने वीडियो काल कर देखा था बेटे का चेहरा, बेटे की मुस्कान ही अंतिम विदाई बन गई IAF sqn leader lokendra Singh sindhu
आपको बता दें कि इस विमान हादसे में सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीद लोकेंद्र सिंह सिंधु एक माह पहले ही पिता बने थे। बीते 10 जून को उनके घर एक बेटे का जन्म हुआ और यही उनका पहला बच्चा था। पिता बनने की खुशी उनके चेहरे से झलकती थी, लेकिन किसे पता था कि यह सुख सिर्फ कुछ ही दिनों का होगा। हादसे से ठीक पहले, लोकेंद्र ने अपने एक माह के बेटे की कुछ तस्वीरें फैमिली ग्रुप में साझा कीं और अपने पिता को फोन कर बेटे के बारे में बात की। ये बात ही उनका अपने पिता से आखिरी संवाद साबित हुआ। परिजनों के मुताबिक बेटे के जन्म पर लोकेंद्र अपने घर आए थे, जिसके बाद बीते 30 जून को ही उन्होंने दुबारा ड्यूटी ज्वाइन की थी।
रोहतक की वीरभूमि से एक और बलिदान IAF pilot sqn leader lokendra Singh sindhu rohtak haryana martyr
हरियाणा के रोहतक जिले के खेड़ी साध गांव निवासी लोकेंद्र सिंह ने वर्ष 2011 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया था। 12वीं के तुरंत बाद अपने पहले ही प्रयास में एनडीए पास करने वाले लोकेंद्र का सपना था कि वह आसमान की ऊंचाइयों को छुएं — और वही उन्होंने किया भी। वर्तमान में उनकी तैनाती राजस्थान के सूरतगढ़ में थी। उनका परिवार, जिसमें माता-पिता, डॉक्टर पत्नी सुरभि, एक माह का बेटा, बहन अंशी (सेना से रिटायर्ड ऑफिसर) और जीजा (विंग कमांडर) हैं — सब अब भी इस आघात से उबर नहीं पाए हैं। बताते चलें कि उनकी पत्नी सुरभि ने अपने मायके हिसार में बेटे को जन्म दिया था।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: सेना में तैनात लांस नायक सुरेन्द्र सिंह ड्यूटी के दौरान शहीद Martyr surendar Singh
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब martyr lokendra Singh sindhu jaguar plane crash churu rajsthan
बीते गुरुवार शाम को जब उनका पार्थिव शरीर रोहतक की देव कॉलोनी पहुंचा, तो माहौल गमगीन हो गया। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद वायुसेना की टुकड़ी ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। उनकी पत्नी सुरभि, बेटे को गोद में लिए, नम आंखों से पति के दर्शन कर रही थीं। भाई ज्ञानेंद्र ने बहन अंशी से कहा, “हम लोकेंद्र को मुस्कान के साथ विदाई देंगे, आंसुओं से नहीं।” पर ऐसा कर पाना किसी के लिए आसान नहीं था। इस दौरान उनके पिता जोगिंदर सिंह, जो हाल ही में विश्वविद्यालय से अधीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, अपने पोते को गोद में लिए हुए भावुक होकर बोले – “मैंने आखिरी बार अपने बेटे का चेहरा वीडियो कॉल पर देखा था। अब सिर्फ यादें ही बचीं हैं।”
वायुसेना में था गहरा नाता
लोकेंद्र का परिवार भारतीय वायुसेना से पहले से ही जुड़ा हुआ था। बहन अंशी वायुसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर रह चुकी हैं और जीजा भी वायुसेना में कार्यरत हैं। लोकेंद्र की शिक्षा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय कैंपस स्कूल से हुई और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में NDA में प्रवेश पाया।
यह भी पढ़ें- केदारनाथ: ex आर्मी पायलट राजवीर चौहान शहीद 4 माह पूर्व बने थे पिता Pilot Rajveer chauhan