विंग कमांडर अभिनन्दन ने अपनी धरती पर कदम रखा तो लोगो ने तिरंगे और देशभक्ति गीतों से उनका स्वागत किया। करीब 60 घंटे दुश्मन की धरती पर बिताने के बाद उन्होंने अपनी धरती पर कदम रखा। पाकिस्तान ने वाघा-अटारी बॉर्डर पर रात करीब 9.20 पर उन्हें भारत भेजा। हालांकि उनकी स्वदेश वापसी को लेकर देशवासियो को काफी लंबा इंतजार रहा। अभी उन्हें कई पड़ावों से गुजरना होगा, जिसके बाद ही वह विमान उड़ा सकेंगे। फिलहाल वह दिल्ली में हैं और घर नहीं जा सकते। इसलिए शुक्रवार रत को ही अभिनंदन को अमृतसर एयरपोर्ट से दिल्ली लाया गया। वायुसेना के अधिकारी सहित इस पूछताछ में रॉ, आईबी, सेना, गृह मंत्रालय, रक्षा विभाग के वरिष्ट अधिकारी भी शामिल रहेंगे। इस इंटेलिजेंस डीब्रीफिंग का मकसद उन सभी बातों का पता लगाना हैं जो अभिनंदन के साथ बीते दो दिनों में बीता है।
सबसे पहले मेडिकल जांच होगी: बता दें कि इस तरह के मामले जो युध्दबंदी से संबंधित हो में जिनेवा कन्वेंशन के तहत रेडक्रॉस सोसाइटी की जांच करना अहम् ज़िम्मेदारी बनती है। इसीलिए सबसे पहले इंटरनेशनल रेडक्रॉस सोसाइटी अभिनंदन को अपने साथ ले कर जाएगी और उनकी पूरी जांच की जाएगी। इस जाँच का मुख्य उद्देश्य ये होगा की पाकिस्तान में इस दौरान उन्हें किसी तरह का शारीरिक नुकसान तो नहीं हुआ है। वहीं उन्हें किसी तरह का कोई ड्रग्स दिया गया या नहीं।सबसे खाश बात तो ये है की इस जांच में इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि इन दो दिनों के भीतर विंग कमांडर को शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना तो नहीं दी गयी। प्रोटोकॉल के तहत अभिनंदन की बॉडी स्कैनिंग होगी। उनकी फिजिकल जांच के साथ साइकोलॉजिकल जांच भी होगी। अगर किसी भी तरीके की आपत्तिजनक बात सामने आती है, तो जिनेवा कन्वेंशन के तहत इसके दस्तावेज तैयार किये जाएंगे और उसके बाद भारतीय वायु सेना को सुपुर्द किए जाएंगे।