पौड़ी बस हादसा: यात्रियों के परिजनों को बीमा क्लेम मिलना आसान नहीं
पौड़ी गढ़वाल के धुमाकोट में हुए बस हादसे के बाद मृतकों के परिजनों और घायलों को दुर्घटना बीमा का क्लेम मिल पाना आसान नहीं है।
बता दे की बीमा अधिनियम के तहत तय सीट संख्या के अलावा सिर्फ दस फीसदी अतिरिक्त सवारियों को ही क्लेम दिए जाने का प्रावधान है,जबकि धुमाकोट हादसे में 30 सीटर बस में 60 सवारियां थीं। ऐसी स्थिति में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल बाकी 27 सवारियों के दुर्घटना क्लेम का भुगतान बस मालिक के जिम्मे ही जाता है और सरकार उन्हें ही क्लेम करने के आदेश दे सकता है।
क्या है क्लेम के नियम – बता दे की सड़क हादसे में दुर्घटना बीमा के क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी और वाहन का मालिक जिम्मेदार होते हैं। नए प्रावधान के तहत दस फीसदी अतिरिक्त सवारियां को भी यह क्लेम आसानी से मिल जाता है, लेकिन इससे ज्यादा सवारियां होने पर दुर्घटना बीमा क्लेम की देनदारी वाहन मालिक पर होती है।
सभी बीमा कंपनियों की ओर से बीमा क्लेम देने से पहले वाहन के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, फिटनेस सर्टिफिकेट आदि की भली भाती जांच की जाती है, अगर इनमें से किसी में थोड़ी भी त्रुटि पाई गयी तो बीमा कंपनी क्लेम से इंकार कर देती है।
हालांकि मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में इन मामलों में हादसे के शिकार हुए लोगों के पक्ष को गंभीरता से लिया जाता है। सिर्फ सवारी वाहन या प्राइवेट वाहन ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों के मामले में भी ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने पर होने वाले हादसे में बीमा क्लेम लेना मुश्किल होता है। मसलन दोपहिया हादसे में हेलमेट नहीं होना बीमा क्लेम में अड़चन पैदा कर सकता है।
बीमा धारक की मृत्यु होने पर बीमा क्लेम कैसे ले ?
1. अगर व्यक्ति की मृत्यु सामान्य रूप से ना होकर किसी एक्सीडेंट में हुयी है तो सबसे पहले हमें इसकी पुलिस रिपोर्ट करवानी चाहिए, अगर व्यक्ति की मृत्यु किसी हॉस्पिटल में हुयी है तो वहा की मेडिकल रिपोर्ट जरुर सम्भाल कर रखे, क्युकी एक्सीडेंट होने पर जब हम बीमा कंपनी में एक्सीडेंटल बीमा क्लेम करते है तो उस समय पुलिस अफ आई आर और मेडिकल रिपोर्ट दिखानी होती है।
2. व्यक्ति की मृत्यु होने के तुरंत बाद ही हमें बीमा क्लेम नही करना चाहिए क्युकी इससे कंपनी को हम पे शक हो सकता है की व्यक्ति की मृत्यु बीमा क्लेम लेने के लिए तो नही हुयी है । इसलिए आप बीमा क्लेम व्यक्ति की मृत्यु से 12 से 20 दिन के अन्दर ही करे, वैसे तो हम व्यक्ति की मृत्यु से 180 के अन्दर अन्दर बीमा क्लेम कर सकते है लेकिन बीमा क्लेम 12 दिन के बाद जितना जल्दी हो सके कर देना चाहिए क्युकी जायदा देरी से क्लेम करने पर भी हमें परेशानी हो सकती है।
3 . जीवन बीमा डेथ क्लेम करते समय हमारे पास कुछ महतवपूर्ण दस्तावेजों / सर्टिफिकेट या डाक्यूमेंट्स का होना जरुरी है ।
