पौड़ी में जिंदा जलाई गई छात्रा अपनी जिंदगी की जंग हार गयी, दिल्ली अस्पताल में तोड़ा दम
जिंदगी के लिए भटकी इधर उधर :डॉ. बीपी मौर्य और डॉ. पंकज कुमार शर्मा के अनुसार छात्रा का शरीर लगभग 70 प्रतिशत झुलसा हुआ था । यहां से छात्रा को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया। एम्स ऋषिकेश में 25 चिकित्सकों का दल छात्रा का उपचार कर रहा था। 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर छात्रा का हाल जाना था। 19 दिसंबर सुबह छात्रा को एयर एंबुलेंस से सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया। रविवार सुबह छात्रा ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।घटना से दुखी आरोपी के पिता ने कहा कि जीवन में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका बेटा उन्हें इस तरह से शर्मसार करेगा। उन्होंने कहा कि बेटा हमारा है, लेकिन उसके अपराध की माफी नहीं है। उसे उसके अपराध की कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए। घटना के बाद पूरे प्रदेश में घटना के विरोध में आक्रोश भर गया था। आरोपी का परिवार घटना के बाद सहमा हुआ है। परिवार का कोई सदस्य घर से बाहर नहीं निकल रहा है।