Pithoragarh primary school: पहाड़ में लाकडाउन का सदुपयोग कर शिक्षकों ने पेश की मिशाल, शिक्षकों के इस बेहतरीन काम को क्षेत्र के ग्रामीणों का भी मिला भरपूर सहयोग…
तस्वीरें देखकर आपको यह किसी निजी स्कूल की बिल्डिंग लग रही होगी परन्तु वास्तव में यह एक सरकारी विद्यालय है। जिसकी दिवारों को अपनी नायाब चित्रकला से सुंदर बनाया है विद्यालय के शिक्षकों ने। निजी स्कूलों को मात देती यह तस्वीरें पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय चिटगल (Pithoragarh primary school) की है। इसे विद्यालय के शिक्षकों की लगन एवं परिश्रम का ही परिणाम माना जाएगा कि विद्यालय की चमचमाती दीवारें आज किसी निजी स्कूल को भी पीछे छोड़ रही है। क्षेत्र के लोगों ने भी इस काम में विद्यालय के शिक्षकों का भरपूर सहयोग दिया है। वास्तव में यह तस्वीरें न सिर्फ लाकडाउन के समय के सदुपयोग को दिखाती है बल्कि अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को एक संदेश भी देती है कि अगर सच में दिल से थोड़ी मेहनत की जाए तो सरकारी स्कूल हर मामले में निजी स्कूलों से बेहतर साबित हो सकते हैं। विद्यालय की यह तस्वीरें आजकल सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है जिन्हें लोगों द्वारा भी बहुत पसंद किया जा रहा है।
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शिक्षकों की मेहनत रंग लाई, इन दिनों प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है पहाड़ का यह सरकारी स्कूल:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के संकुल संसाधन केंद्र पोखरी के अंतर्गत आने वाला राजकीय प्राथमिक विद्यालय चिटगल (Pithoragarh primary school) इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का कारण बना हुआ है। सोशल मीडिया पर इस विद्यालय की चर्चा का कारण है इस विद्यालय की सुंदर चित्रों से सजी हुई दीवारें, जिनकी सुंदरता वास्तव में प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रही है। लाकडाउन से पहले तक भले ही यह विद्यालय अन्य सरकारी स्कूलों की तरह ही रहा हो। परंतु लाकडाउन का सदुपयोग कर विद्यालय के शिक्षकों हरीश पंत और त्रिभुवन पाठक ने क्षेत्र के अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर स्कूल की सूरत ही बदल दी है। इन दोनों शिक्षकों ने लाकडाउन में विद्यालय का सौंदर्यीकरण कर न सिर्फ उसकी सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं बल्कि उनके द्वारा स्कूल की दीवारों पर की गई बेहद सुंदर, रंगबिरंगी एवं बेहतरीन चित्रकारी हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। सच में हरीश पंत एवं त्रिभुवन पाठक जैसे शिक्षकों के जज्बे को सलाम है जो विद्यार्थियों के भविष्य के साथ ही सरकारी स्कूलों की तस्वीरें बदलने की भी कोशिश करते हैं।
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