दुखद: अपने 93वें जन्मदिन पर यूपी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार दोपहर को निधन हो गया।एनडी के निधन से राजनीति पार्टियों में शोक की लहर दौड़ गई। बता दे की उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। एनडी तिवारी उत्तराखंड के अभी तक के इकलौते मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। विदित है कि एनडी तिवारी को पांच महीने पहले ब्रेन स्ट्रोक के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था और तब से मैक्स अस्पताल के डॉक्टर उनका इलाज किया था। उनके पीछे उनकी पत्नी उज्ज्वला शर्मा और बेटा रोहित शेखर हैं।नारायण दत्त तिवारी का 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले के बलूती गांव में जन्म हुआ था। एनडी तिवारी का 93वें जन्मदिन पर निधन हुआ है।नए-नवेले राज्य उत्तराखंड के औद्यौगिक विकास के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है। नारायण दत्त तिवारी के पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अधिकारी थे। तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी की पढ़ाई की।
चार बार रहे मुख्यमंत्री- पहली बार 1976 से अप्रैल 1977, दूसरी बार तीन अगस्त 1984 से 10 मार्च 1985 और तीसरी बार 11 मार्च 1985 से 24 सितंबर 1985 और चौथी बार 25 जून 1988 से चार दिसंबर 1989 तक उप्र के मुख्यमंत्री रहे।वर्ष 1969, 1970, 1971-1975 तक उप्र मंत्रिमंडल में मंत्री।
•वर्ष 1977-79 और 1989-91 तक विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे।
•जून 1980 से अगस्त 1984 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री। सितंबर 1985 से जून 1988 तक केंद्र में उद्योग, वाणिज्य, विदेश और वित्त मंत्री रहे।
• जनवरी 1985 से मार्च 1985 तक विधान परिषद सदस्य रहे।
• नवंबर 1988 से जनवरी 1990 तक विधान परिषद सदस्य रहे।
•वर्ष 1994 में अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी।
• वर्ष 1995-96 में अध्यक्ष आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस तिवारी
•वर्ष 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री।
• 22 अगस्त 2007 से 26 दिसंबर 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल
पीएम पद के थे प्रबल दावेदार- 1990 के चुनाव में वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे। लेकिन किस्मत ने ही साथ नहीं दिया और वे नैनीताल संसदीय सीट से लोक सभा का चुनाव मात्र 800 वोट से हार गए। इस पर प्रधानमंत्री की कुर्सी नरसिम्हा राव को मिली।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी ट्वीट कर उनके निधन पर दुःख व्यक्त किया।
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