Rishikesh: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद राकेश डोभाल(Martyr Rakesh Dobhal), अंतिम यात्रा में उमड़े विशाल जनसैलाब ने दी भावभीनी विदाई..
जम्मू-कश्मीर बार्डर पर पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले मां भारती के एक और वीर सपूत शहीद राकेश डोभाल आज पंचतत्व में विलीन हो गए। इससे पूर्व परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद ऋषिकेश(Rishikesh) स्थित आवास से शहीद की अंतिम यात्रा मुनि की रेती स्थित पूर्णानंद घाट की ओर निकाली गई। शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़े विशाल जनसैलाब ने उन्हें नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान समूचा ऋषिकेश राकेश डोभाल (Martyr Rakesh Dobhal) अमर रहे, भारत माता की जय, हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद, जब तक सूरज चांद रहेगा राकेश तेरा नाम रहेगा एवं राकेश तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान जैसे गगनभेदी नारों से गूंजता रहा। पूर्णानंद घाट पर दिल्ली से आए बीएसएफ के सात जवानों ने शहीद राकेश डोभाल को 21 तोपों की सलामी दी। जिसके बाद शहीद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। जहां उनके छोटे भाई मयंक डोभाल ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय शामिल हुए, जिन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उसे श्रृद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी शहीद की अंतिम यात्रा में मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश: शहीद राकेश डोभाल का पार्थिव शरीर पहुंचा घर, बेटी ने नम आँखों से दी श्रद्धांजलि
बेटी ने पिता को सलाम करने के बाद देशवासियों को दिया प्यारा सा संदेश, विधानसभा अध्यक्ष सहित युवाओं ने सरकार से की पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग:-
गौरतलब है कि बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात राकेश डोभाल बीते शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए थे। बता दें कि सोमवार सुबह जैसे ही उनका पार्थिव शरीर ऋषिकेश के गणेश विहार गंगानगर स्थित उनके आवास पर पहुंचा तो घर पर चीख पुकार मच गई। जहां शहीद के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देखकर उनकी मां विमला और पत्नी पत्नी संतोषी बेसुध हो गई वहीं शहीद की दस वर्षीय मासूम बेटी दित्या उर्फ मौली डोभाल ने पहले पिता को जय हिन्द कहकर सलामी दी और फिर देशवासियों को एक प्यारा सा संदेश, जिसे सुनकर न सिर्फ वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई बल्कि सोशल मीडिया पर भी जिसने मासूम दित्या की कही इन बातों को सुना वह एक ओर तो गर्व का अनुभव करने लगा दूसरी ओर दित्या के मासूम सी बातों को सुनकर उसकी आंखें नम हो गई क्योंकि दित्या ने न सिर्फ अपनी दादी को रोने से मना किया बल्कि पिता का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे बीएसएफ के अधिकारियों की ओर इशारा कर कहा कि दादी, पापा के चलें जाने के बाद अब ये हमारी रक्षा करेंगे। इसी तरह उन्होंने देशवासियों को एक संदेश देते हुए कहा कि ये जवान ही अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करते हैं। इसके साथ ही वह वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाकर कहने लगी कि वह भी सेना में जाकर देश की सेवा करेंगी। दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सहित ऋषिकेश के नौजवान युवाओं ने एक स्वर में सरकार से पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की।
यह भी पढ़ें- पिता की शहादत से बेखबर मासूम दित्या को नहीं पता अब फोन पर नहीं सुनाई देगी पिता की आवाज