गौरतलब है की बीकानेर राजस्थान में तैनात चमोली निवासी गढ़वाल राइफल के जवान 22 वर्षीय रोहित मैंदोली की राजस्थान में अचानक तबियत बिगड़ने से दो फरवरी को मौत हो गई थी। सोमवार को देर शाम सैनिक का पार्थिव शरीर घाट तहसील मुख्यालय पहुंचा। मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे ताबुत में बंद सैनिक के शरीर को सैंती गांव ले जाया गया। जैसे ही जवान का शव तिरंगे से लिपटा हुआ गांव में पहुंचा तो परिजन ताबुत पर लिपट गए। माँ तो बार बार बेसुध हो जा रही है , पडोसी और रिस्तेदार परिजनों को ढाढस बधा रहे है। बहन का रो रो के बुरा हाल है, पुरे परिवार में मातम पसर गया। रोहित की एक ही बहन है, जिसकी तीन माह पूर्व ही शादी हुई थी। परिवार बहन की शादी के कर्ज से बाहर निकल ही रहा था की फिर से गरीबी के बोझ में दब गया ।
बता दे की सैनिक की अंतिम यात्रा में गढ़वाल राइफल्स व गढ़वाल स्काउट के अधिकारी-जवान, पूर्व सैनिक, व्यापारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। पूरा जान सैलाब अंतिम सलामी देने उमड़ पड़ा था। पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे शव को पैतृक घाट नंदाकिनी और चुफलागाड नदी के संगम स्थल पर लाया गया। यहां कर्नल भरत सिंह, मेजर अनूप कुमार, लेप्टिनेंट आदित्य, सूबेदार प्रेम सिंह, करन सिंह, दिलबर सिंह, श्याम सिंह, इंद्रमणि जोशी, ज्ञान सिंह, थराली विधायक मुन्नी देवी, ब्लॉक प्रमुख कर्ण सिंह, जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल ने जवान के शव पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्घांजलि दी। इसके बाद मृतक जवान के भाई राजेंद्र प्रसाद ने शव को मुखाग्नि दी।
अपने प्रमोशन के सपने संजोये अपनी सेवा में तत्पर थे : इन दिनों प्रमोशन के लिए उसकी परीक्षाएं चल रही थी। दो फरवरी को दोपहर में जब वह परीक्षा के लिए अपनी सीट देखने कैंप परिसर में गया तो अचानक वह बेहोश होकर गिर गया। साथियों ने शीघ्र इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी। उसे सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।