Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day

अन्तर्राष्ट्रीय

इंतजार में 4 साल की बेटी, टोक्यों में 6 दिन से पड़ी है लाश,देवभूमि के समाजसेवी रोशन रतूड़ी करेंगे मदद




अमर उजाला के मुताबिक परिवार वाले प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक को विजय की लाश को भारत वापस लाने के लिए ट्वीट कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। कानपुर के विजय आईआईटी रुड़की के छात्र रहे हैं। बता दे की एक मल्टीनेशनल कंपनी के बुलावे पर वो 13 अक्टूबर को अमेरिका के सेन फ्रैंसिस्को जाने के लिए निकले थे। इस बीच फ्लाईट में ही विजय की तबीयत खराब हो गई और टोक्यो एयरपोर्ट पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। विजय को एयरपोर्ट के अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। खबर मिली तो परिवार वाले दिल्ली पहुंच गए। भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो पता चला कि कागजी कार्रवाई में वक्त लग रहा है। घर पर विजय की पत्नी गिरिजा और उनकी चार साल की बेटी सौम्या उनका इंतजार कर रही है। भारतीय दूतावास ने ही मदद करने से अपने हाथ खड़े कर दिए तो अब परिवार किसके सामने मदद की गुहार लगाए।




बता दे की विजय की लाश बीते 6 दिनों से जापान के टोक्यो एयरपोर्ट पर रखी है और भारतीय दूतावास किसी भी प्रकार की कोई मदद करने को तैयार नहीं है। घर पर विजय की चार साल की बेटी सौम्या है, अपन पापा के घर आने की उम्मीद में अपनी मां से बार बार एक सवाल पूछ रही है कि आखिर मेरे पापा कब आएंगे ? फिर एक बार जहाँ इन्सान की सवेदनाएँ शर्मशार हुई है वहाँ उत्तराखंड के सामजसेवी रोशन रतूड़ी देवदूत बनकर मदद के लिए आगे आये है। रोशन रतूड़ी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है “अगर मुझे इजाजत दे तो में विजय कुमार जी के पार्थिव शरीर को लेने भी मै जापान जाता हूँ । इंसानियत नही मरनी चाहिए ।”




 रोशन रतूड़ी ने बदहाल पड़े शासन व्यवस्था पर कटाक्ष व्यंग्य करते हुए कहा -अब कहाँ गये वो बडीं-बडीं बातें करने वाले लोग, छुप गये घरों,जो दुसरो के शवों पर राजनीती करते है। क्या विजय कुमार जी भारत माता का बेटा नहीं है । क्या हम सबका कोई कर्तव्य नही बनता है कि हम सब मिलकर इस शव को भारत लाने मैं मदद करें ।जापान मैं भारतीय राजदूतावास अगर काम नहीं करेगा,मदद नहीं करेगा तो क्या हम चुपचाप हाथ पर हाथ पर धरे बैठे रहे । क्या गुज़र रही होगी उस माँ पर जिसका जवान बेटा चल गया, जिसके घर का चिराग़ बुझ गया और अभी तक शव परिवार को नहीं सोंपा गया ।ऐसी दुखद स्थिति को देख कर मुझे ही जापान जाना पढ़ेगा और इस शव को टोक्यो-जापान से वतन लाकर कानपुर उनके परिवार के पास सोंपा जायेगा।मेरे लिए जाति धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत सबसे पहले है । चाहे वो किसी भी राज्य का हो या फिर किसी भी देश का हो, सबकी मदद करता रहूँगा । मानव जीवन एक बार मिला है जितना हो सके दूसरों की मदद किजीएगा ।

Continue Reading
You may also like...
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in अन्तर्राष्ट्रीय

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top