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Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="Babita rawat awarded by DM vandana chauhan in rudraprayag Uttarakhand"

IAS DM VANDANA SINGH

अन्तर्राष्ट्रीय

रूद्रप्रयाग

उत्तराखंड- बबीता रावत ने स्वरोजगार की जगाई ऐसी अलख कि डीएम वंदना ने भी किया सम्मानित

जिलाधिकारी वंदना सिंह (Vandana chauhan) ने की युवाओं की प्रेरणास्त्रोत बबीता रावत (Babita rawat) की प्रशंसा, प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

उत्तराखण्ड इन दिनों स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ा रहा है। राज्य के ‌अनेक युवा स्वरोजगार के न‌ए न‌ए अवसर खोज रहे। इसके लिए राज्य के ऐसे युवाओं का सम्मान होना आवश्यक है ताकि इन युवाओं को प्रोत्साहन तो मिल ही सके साथ ही राज्य के अन्य युवा भी इनसे प्रेरित हो सके। ऐसा ही एक सम्मान समारोह राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में किया गया। जहां रूद्रप्रयाग की जिलाधिकारी वंदना सिंह (Vandana chauhan)और क्षेत्र के विधायक भरत सिंह चौधरी ने स्वरोजगार के क्षेत्र में सराहनीय पहल करने वाली मशरूम गर्ल बबीता रावत (Babita rawat) को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

Babita rawat self employment इसके साथ ही जिलाधिकारी ने बबीता के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह राज्य के अन्य युवाओं लिए एक मिशाल है। जिले के अन्य युवाओं को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। बबीता को हाल ही में तीलू रौतेली सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड- तीलू रौतेली सम्मान से सम्मानित बबीता रावत ने पहाड़ में ऐसे जगाई स्वरोजगार की अलख

बबीता ने विपरित परिस्थितियों में अपने साहस के बलबूते सींची बंजर भूमि, स्वरोजगार की राह में चलकर कर रही परिवार का भरण-पोषण

बता दें कि राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के उमरौला सौड़ की बबीता रावत वर्तमान में मटर, भिंडी, शिमला मिर्च, बैंगन, गोबी सहित विभिन्न सब्जियों का उत्पादन कर न केवल आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में अपने कदम बढ़ा रही हैं बल्कि मशरूम उत्पादन से भी अपनी आर्थिकी बढ़ाने में जुटी है और इससे उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है।

Babita rawat rudraprayag सात भाई-बहनो में सबसे बड़ी बबीता के संघर्षों की कहानी उस समय से शुरू होती है जब वह मात्र 13 वर्ष की थी और उनके पिता की तबीयत अचानक खराब हो गई। पिता के देहांत के बाद परिवार का सारा भार बबीता के कंधों पर आ गया। बबीता ने इन विपरित परिस्थितियों में भी हिम्मत ना हारकर साहस का परिचय दिया।

Babita rawat rudraprayag उन्होंने न केवल अपने कोमल हाथों में हल उठाकर बंजर भूमि को खेती योग्य बनाया वरन अपने स्कूल की पढ़ाई भी चालू रखी। अपने मेहनत की कमाई से उन्होंने न केवल अपने भाई बहनों को शिक्षा दिलवाई बल्कि उनका घर-परिवार भी बसाया।
Babita rawat rudraprayag

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