उत्तराखण्ड की सलोनी जोशी दुबई में बनी मिस वर्ल्ड डाइवर्सिटी 2018
आज उत्तराखण्ड की ये प्रतिभाशाली बेटिया किस क्षेत्र में आगे नहीं है ,खेल जगत से लेकर सिनेमा जगत तक उत्तराखण्ड के नाम का परचम विश्व भर में लहरा रही है। इन्ही बेटियों में से एक है, हल्द्वानी की सलोनी जोशी जिन्होंने दुबई में आयोजित फर्स्ट इंटरनेशनल टाइटल मिस वर्ल्ड डाइवर्सिटी २०१८ का ख़िताब अपने नाम किया ,वह इस प्रतियोगिता में दूसरी प्रिंसेस रन अप बनी। इसके लिए उन्हें सिर्फ उत्तराखण्ड से ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान से शुभकामनाये मिल रही है।
रह चुकी है मिसेज इंडिया एलीट ग्लोबल अर्थ अवार्ड विजेता- इस से पहले सलोनी जोशी गुरुग्राम(हरियाणा) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मिसेज इंडिया होममेकर प्रतियोगिता में देश विदेश की शीर्ष सात प्रतियोगियों में पहला स्थान प्राप्त कर मिसेज इंडिया एलीट ग्लोबल अर्थ अवार्ड 2018 से सम्मानित हो चुकी है।
बता दे की गुरुग्राम से पहले उन्होंने एक माह तक दिल्ली में आयोजित तीन चक्र की प्रतियोगिताओं में वह विजेता रहीं। इसके आधार पर ही उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दुबई, सिंगापुर की सात अभ्यर्थियों सहित भारत के विभिन्न राज्यों से पहुंची 40 प्रतियोगियों के बीच ग्लोबल अर्थ अवार्ड 2017 जीता।
श्रेय देती है इन्हे- सलोनी ने इस मुकाम में पहुंचने पर इसका श्रेय अपनी माता मंजू जोशी, पिता बसंत बल्लभ जोशी, निवासी कुसुमखेड़ा हल्द्वानी, पति गौरव जोशी को दिया है। बिंदुखत्ता के चित्रकूट तिवारीनगर निवासी सलोनी जोशी के पति गौरव जोशी यहां हल्द्वानी में जिम चलाते हैं। गौरव जोशी ने अपने सोशल अकॉउंट फेसबुक के माध्यम से भी उन्हें इसके लिए बधाई दी है
गर्व है इन बेटियों पर- बहुत गर्व होता है जब उत्तराखण्ड़ की ये बेटियां जो देश विदेशों में जाकर उत्तराखण्ड़ का नाम रोशन करती है, इन्ही की वजह से आज पर्वतीय क्षेत्र वाले उत्तराखण्ड का नाम विश्व में छाया हुआ है। देवभूमि की मानसी जोशी और एकता बिष्ट जैसी प्रतिभाशाली बेटिया आज क्रिकेट टीम में अपना हुनर दिखा रही हैं। इसके अलावा वर्तिका जोशी ,जो नविका सागर परिक्रमा से विश्व के भ्रमण पर निकलने वाली पहली महिला नेवी ऑफिसर हैं। सिनेमा जगत में उर्वशी रौतेला और अनुष्का शर्मा आज बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में आती है। देवभूमि दर्शन की ओर से सलोनी जोशी को हार्दिक शुभकामनाये ओर उम्मीद करते है भविष्य में वो विश्व में उत्तराखण्ड़ के नाम का परचम फिर लहराए।
