लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
इन चंद पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है देवभूमि के एक छोटे से गांव की रहने वाली स्मृति सिलवाल ने। देवभूमि की बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे है और राज्य की कई बेटियां छोटे पर्दे के साथ ही वालीवुड में भी एक चमकता हुआ सितारा बनकर उभरी है। लेकिन उत्तरकाशी जिले के दूरस्थ नौगांव विकासखंड की रहने वाली स्मृति की कहानी उन सबसे थोड़ा सा अलग है। कभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली स्मृति भी अब वालीवुड में एक धमाकेदार एंट्री देने को तैयार हैं। एक छोटे से गांव से निकलकर अपनी प्रतिभा के दम पर बॉलीवुड में कदम रखने वाली स्मृति सिलवाल का कहना है कि उन्हें बॉलीवुड में एक बड़े बैनर से सेकेंड लीड रोल ऑफर हुआ है। कुछ दिनों बाद वह इस फिल्म की शूटिंग में भी उतर जाएंगी। यह उनके बुलंद होंसलों और कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि वह पहाड़ो की सीधी-साधी जिन्दगी से निकलकर मुम्बई की तेजरफ्तार वाली जिन्दगी के साथ ही कला के सबसे कठिन क्षेत्र में सामंजस्य स्थापित कर रही हैं। बता दें कि इससे पहले भी स्मृति कई शॉर्ट मूवी में काम कर चुकी है।
मूल रूप से उत्तरकाशी जिले के दूरस्थ नौगांव विकासखंड की रहने वाली स्मृति सिमवाल एक बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है। चार भाई-बहनों में सबसे अलग सोच रखने वाली स्मृति के पिता बाबूराम सिलवाल हैं। पहाड़ो में संघर्षपूर्ण जीवन गुजारने वाले परिवार की बेटी स्मृति ने सिविल सर्विसेज की तैयारी छोड़कर एक ओर तो अभावों से निकलकर अपने मजबूत इरादों और कड़ी मेहनत के बल पर अभिनय के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है वहीं दूसरी ओर वह उत्तराखंड राज्य से मान्यता प्राप्त संस्था ‘मल्टी मीडिया डाॅट काॅम सोसाइटी‘ की ब्रांड एंबेसडर भी है। बता दें कि इससे पहले भी वह कई छोटे पर्दे के कार्यक्रमों में भी अपनी शानदार अभिनय का जलवा बिखेर चुकी है। जिनमें अभिनेत्री मधुरिमा तुली के भाई श्रीकांत तुली की शॉर्ट मूवी ‘बेबी डॉन्ट गो’ और चैनल वी का रिएलिटी टीवी शो मेगा मॉडल ग्लैडरैग्स भी शामिल है। इसके साथ ही मुंबई में सोशल बिऑन्ड बाउन्ड्रीज संस्था के साथ जुड़कर वह जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करती है।