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भारतीय महिला क्रिकेट टीम में उत्तराखंड की स्नेह राणा भी सम्मिलित, अब दिखेंगी वर्ल्ड कप में

Sneh Rana Uttarakhand: कभी घर से 24 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय कर स्नेह एकेडमी क्रिकेट सीखने जाया करती थी, अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम में सम्मिलित होकर नजर आएंगी आईसीसी वर्ल्ड कप में

उत्तराखंड की बेटियां हमेशा से ही प्रदेश को गौरवान्वित करते हुए आई हैं। चाहे वह कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो अगर बात करें खेल जगत की तो इसमें भी उत्तराखंड की बेटियां पीछे नहीं है जी हां हम बात कर रहे हैं, राज्य की होनहार क्रिकेटर स्नेह राणा की जो जल्द ही आईसीसी वर्ल्ड कप में खेलते हुए नजर आएंगी। बता दें की भारतीय महिला टीम में जिन होनहार खिलाड़ियों का चयन आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए हुआ है। उनमें राज्य की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी स्नेह राणा का नाम भी शामिल है। स्नेहा की बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी। उनका बचपन से इंडियन महिला क्रिकेट टीम में शामिल होने का सपना था। बता दें कि स्नेह महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी मिताली राज को अपना आइडल मानती हैं। स्नेहा ने आईसीसी वर्ल्ड कप में चयन होने के साथ ही युवाओं को प्रेरित होने का संदेश दिया है कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन हो अगर हिम्मत और हौसला बुलंद हो तो किसी भी मुकाम को हासिल करना नामुमकिन नहीं है।(Sneh Rana Uttarakhand)

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्नेहा राणा देहरादून से 20 किलोमीटर दूर सिरोला गांव की रहने वाली है। स्नेह राणा एक किसान परिवार से संबंध रखती हैं। स्नेह बचपन से ही क्रिकेट खेलने में रुचि रखती थी। जब पड़ोस के लड़के क्रिकेट खेलने के लिए आते थे तो स्नेह भी उनके साथ क्रिकेट खेलती थी। बेटी की क्रिकेट में रुचि देखकर स्नेहा के पिता ने स्नेहा को लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब एकेडमी में क्रिकेट खेलने के लिए भेज दिया। घर से 24 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय कर स्नेह एकेडमी क्रिकेट सीखने के लिए जाती थी। स्नेह के खेल में किसी तरह की परेशानी ना आए इसके लिए उनके पिता ने जमीन तक बेच दी। लेकिन बेटी की इस खुशी को देखने के लिए आज उनके पिता उनके साथ नहीं है स्नेहा के चयन से 2 महीने पहले ही किसी बीमारी के कारण स्नेह के पिता का देहांत हो गया। स्नेह ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि मैंने अपने पिता का सपना पूरा किया है वे जहां भी होंगे मुझे देख कर खुश होंगे उनका जाना मेरे लिए बहुत ही बड़ी क्षति है जिसको मैं कभी पूरा नहीं कर सकती। मैं हमेशा उनके बताए हुए रास्ते पर चल रही हूं जिसने हमेशा मुझे आगे बढ़ना सिखाया है।

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