बसंत ऋतु के बाद अब तो मार्च का महीना शुरू हो चुका है और फाल्गुन समाप्ति की ओर है लेकिन अभी भी राज्य में बर्फबारी और ओलावृष्टि का दौर जारी है। फाल्गुनी फुहारों के साथ-साथ समूचा राज्य इन दिनों शीतलहर की चपेट में हैं। बर्फबारी एवं ओलावृष्टि के साथ खिलखिलाती धूप की आंख-मिचौली से जहां एक ओर राज्य में ठंड का कहर जारी है, वहीं दूसरी ओर मौसम भी सुहावना बना हुआ है। जो पर्यटकों को राज्य का रूख करने के लिए अब और भी अधिक आकर्षित कर रही है। सोमवार को भी राज्य के चमोली, पिथौरागढ़ और रूद्रप्रयाग जिलों के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हुई है। चमोली में दोपहर बाद बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, घांघरिया, रुद्रनाथ, गौरसों बुग्याल, पनार बुग्याल, लाल माटी, नंदा घुंघटी, मंडल घाटी के साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। केदारनाथ में शाम को हल्की बर्फबारी हुई है। राज्य के निचले इलाकों में कहीं-कहीं बारिश हुई तो विभिन्न स्थानों से ओलावृष्टि के भी समाचार प्राप्त हुए हैं।
समूचे राज्य में सोमवार को दिन की शुरुआत हल्के बादलों के बीच खिलखिलाती धूप के साथ हुई, लेकिन दोपहर के बाद मौसम ने एकाएक करवट ली और समूचा आसमान घने बादलों से घिर गया, देखते ही देखते राजधानी देहरादून सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारीश होने लगी। देहरादून और चम्पावत जिले के अधिकांश इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई तथा चमोली, रूद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिले के ऊंचे पर्वतीय इलाकों ने एक बार फिर बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ समेत अन्य क्षेत्रों में मंगलवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में हल्की बर्फ भी गिर सकती है। बता दें कि बीते बुधवार को भी राज्य के सभी पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी हुई थी। 27 फरवरी, बुधवार के दिन तो ऊंचे इलाकों के साथ-साथ निचले इलाकों ने भी बर्फ की मोटी चादर ओढ़ ली थी।