उत्तराखण्ड के दो बॉक्सर डोपिंग में फंसे भविष्य संकट में
देहरादून: उत्तराखंड के दो युवा मुक्केबाजों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में शामिल ये दोनों मुक्केबाज डोपिंग में फंस गए हैं, अब इन दोनों के आगे खेलने पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं। बता दें कि 31 जनवरी से 8 फरवरी तक नई दिल्ली में अंडर-17 आयु वर्ग की प्रथम राष्ट्रीय खेलो इंडिया प्रतियोगिता में उत्तराखंड के 69 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इसमें बॉक्सिंग के बालक एवं बालिका वर्ग में कुल 18 खिलाड़ी शामिल थे।
गौरतलब है कि नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने देश भर के 377 खिलाड़ियों का डोप टेस्ट किया था। डोपिंग टेस्ट में मुक्केबाजी के 72 खिलाड़ी शामिल थे। नाडा द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में उत्तराखंड के दो युवा बॉक्सर भी पॉजीटिव पाए गए हैं। स्पोर्ट्स कॉलेज के कोच ललित कुंवर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि दून के भरत बड़वाल और पिथौरागढ़ के सौरभ चंद का डोप टेस्ट पॉजीटिव पाया गया है। दूसरी ओर उत्तराखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि दोनों खिलाड़ियों की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है।
चार साल तक का लग सकता है प्रतिबंध
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) डॉ.अकुश की मानें तो डाइयूरेटिक फूरोसेमाइड एक मास्किंग एजेंट है। खिलाड़ी इस पदार्थ को वजन कम रखने और स्टेरायड के सेवन को छुपाने के लिए करते हैं। यदि खिलाड़ी का सैंपल पॉजीटिव पाया जाता है तो उस पर चार साल तक का प्रतिबंध लग सकता है। वह सजा के खिलाफ अपील कर सकता है। अगर सजा कम की जाती है तो भी कम से कम एक साल का प्रतिबंध खिलाड़ी को झेलन पड़ सकता है।
क्या कहना है मुक्केबाजों का
भरत बड़वाल- मुझे अभी इस बात की जानकारी नहीं हैं। नाडा ने सैंपल जरूर लिए थे, लेकिन खेलों के दौरान मैंने किसी भी तरह का स्टेरायड या किसी तरह की दवा का सेवन नहीं किया। इस बारे में अपने कोच से बात करके ही कुछ कह सकता हूं।
सौरभ चंद-
वजन कम करने के लिए किसी भी तरह का सप्लीमेंट इस्तेमाल नहीं किया। मुझे अभी डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाए जाने की जानकारी नहीं मिली है।
-डॉ. धर्मेंद्र भट्ट, सचिव, उत्तराखंड बॉक्सिंग संघ व संयुक्त निदेशक खेल – शार्टकट अपनाकर सफलता हासिल करने के लिए मुक्केबाजों ने यह कदम उठाया होगा। हम लोग खिलाडिय़ों के लिए एंटी डोपिंग पर वर्कशॉप भी करवा चुके हैं। उसके बावजूद इस तरह की घटना चिंताजनक है। इस मामले में कोच पर भी सवाल उठता है।
सौजन्य से – नवोदय टाइम्स
