Uniform Civil code Uttarakhand: उत्तराखंड में जल्द लागू होगा UCC, बदल जाएंगे कई नियम कानून, समिति ने सीएम धामी को सौंपा नियमावली का फाइनल ड्राफ्ट…
Uniform Civil code Uttarakhand: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है जिसके चलते समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को UCC का फाइनल ड्राफ्ट सौंपा है। दरअसल यह ड्राफ्ट राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तैयार किया गया है जिससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के अलग-अलग कानून की जगह एक समान कानून लागू होगा। जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक कानून बनाना है चाहे उनका धर्म जाति या अन्य सामाजिक पहचान कुछ भी हो। UCC के लागू होते ही शादी तलाक संपत्ति गोद लेने और उत्तराधिकारी से जुड़े कई कानून समान हो जाएंगे जिससे किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक भेदभाव को समाप्त किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य के विकास और सामाजिक एकता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
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ucc uttarakhand in hindiबता दें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता ( UCC) को लाने की तैयारी तेजी से चल रही है जिसके चलते उत्तराखंड सरकार 9 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर UCC को लागू करने वाली है। दरअसल बीते शुक्रवार 18 अक्टूबर को विशेषज्ञ समिति ने नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। जिस पर सीएम धामी ने कहा की सभी को समान न्याय और समान अवसर मिल सके इसके लिए 9 नवंबर को यह लागू किया जाएगा। UCC की नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है जिसमें विवाह एवं विवाह विच्छेद लिव इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण तथा उत्तराधिकारी संबंधित नियमों के पंजीकरण की प्रक्रियाएं शामिल है। जिसकी विस्तृत जानकारी के लिए UCC से संबंधित एक पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है जिसमें पंजीकरण और अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाइन माध्यम से मिल सकेंगी ।
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UCC लागू होते ही आएंगे बड़े बदलाव uniform civil code in Hindi:-
० सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून लागू होगा।
० 26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
० ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका स्तर पर पंजीकरण की सुविधा।
० पंजीकरण न कराने पर अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना।
० पंजीकरण नहीं कराने वाले सरकारी सुविधाओं के लाभ से भी वंचित रहेंगे।
० विवाह के लिए लड़के की न्यूनतम आयु 21 और लड़की की 18 वर्ष होगी ।
० महिलाएं भी पुरुषों के समान कारणों और अधिकारों को तलाक का आधार बना सकती हैं।
० हलाला और इद्दत जैसी प्रथा खत्म होगी। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी।
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uniform civil code in uttarakhand ० कोई बिना सहमति के धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का अधिकार होगा।
० एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
० पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास रहेगी।
० संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार होंगे।
० जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा, नाजायज बच्चों को भी उस दंपती की जैविक संतान माना जाएगा।
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ucc uniform civil code ० गोद लिए, सरगोसी से असिस्टेड री प्रोडेक्टिव टेक्नोलॉजी से जन्मे बच्चे जैविक संतान होंगे।
० किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार संरक्षित रहेंगे ।
० लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा ।
० युगल पंजीकरण रसीद से ही किराया पर घर, हॉस्टल या पीजी ले सकेंगे ।
० लिव इन में पैदा होने वाले बच्चों को जायज संतान माना जाएगा और जैविक संतान के सभी अधिकार मिलेंगे।
० लिव इन में रहने वालों के लिए संबंध विच्छेद का भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा ।
० अनिवार्य पंजीकरण न कराने पर छह माह के कारावास या 25 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान होंगे।
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