देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने ट्रांसफर की फरियाद लेकर जाने वाली शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा आजकल सोशल मीडिया पर किसी ना किसी विषय पर चर्चाओं पर है मुख्यमंत्री ने फरियाद तो नहीं सुनी लेकिन तुरंत निलंबित जरूर किया और इसी बात पर भड़की थी उत्तरा पंत।
पहले सरकार को दी थी चुनौती- उत्तरा पंत का कहना था की वो अपनी बात सही तरीके से ही रख रही थी लेकिन जब मुख्यमंत्री ने उनके प्रश्नो का विपरीत उत्तर दिया तो वो भी गुस्से मे आके बहुत कुछ बोल बैठी मामला वही शांत होता की उस से पहले मुख्यमंत्री ने उन्हें हिरासत में लेने की बात कही और मामले ने वही तूल पकड़ लिया।
उत्तरा पंत अब कहती है की वो इस लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगी अगर उत्तराखण्ड में रामराज्य है तो वो भी यहाँ की सीता है और इसके लिए वो सरकार के सभी आरोपों की अग्निपरीक्षा दे रही है। उत्तरा पंत कहती है की पति और परिवार से वर्षों दूर रहकर मैंने भी वही वनवास झेला है। में अपनी लड़ाई के लिए कोर्ट का सहारा भी लूँगी।
उत्तरा पंत ने माँगी माफ़ी वीडियो वायरल –