Chamoli: मकान के मलबे (Debris) में दबने से तीन वर्षीय मासूम बच्ची की मौत, मां गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती, परिवार में मचा कोहराम..
राज्य के चमोली (Chamoli) जिले से दर्दनाक हादसे की दुखद खबर सामने आ रही है जहां बीते बुधवार को उस समय कोहराम मच गया जब चलियापानी गांव में एक दोमंजिला मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर जमींदोज हो गया। जिसके मलबे (Debris) में दब जाने से एक 3 वर्षीय मासूम बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बच्ची की मां गम्भीर रूप से घायल हो गई। आनन-फानन में परिजनों ने आस-पड़ोस के ग्रामीणों की मदद से मृतक बच्ची की मां को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी नाज़ुक हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। इस दुखद घटना से जहां मासूम बच्ची के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है और परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। बताया गया है कि मृतक बच्ची ने मकान के गिरने के समय ही घर में प्रवेश किया था। हादसे का कारण मकान का काफी पुराना होना बताया गया है जिसके कारण मकान की दीवारें कमजोर हो चुकी थी।
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मलबा हटाने से पहले ही मासूम बच्ची तोड चुकी थी दम, मासूम की मौत से परिजनों के साथ-साथ ग्रामीणों की आंखें भी हो गई नम:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के नारायणबगड़ क्षेत्र के चलियापानी गांव निवासी दर्शन सिंह अपने परिवार के साथ एक पुराने दो मंजिला मकान में रहते थे। बताया गया है कि बीते बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे दर्शन का मकान एकाएक धरासायी होकर जमींदोज हो गया। हादसे के वक्त दर्शन की बहू वर्षा देवी नाश्ता बना रही थी जबकि उनकी तीन वर्षीय नातिन मिष्ठी उसी समय आंगन में खेलने के बाद घर के अंदर आई थी। मकान के जमींदोज हो जाने से मिष्ठी और उसकी मां वर्षा मकान के मलबे में दब गए और मौके पर चीख-पुकार मच गई। चीख-पुकार सुनकर घटनास्थल पर आए आस-पड़ोस के ग्रामीणों ने परिजनों के साथ मिलकर तुरंत मलबे को हटाना शुरू किया और वर्षा देवी को घायलावस्था में मलबे से बाहर निकाल लिया। इसके बाद ग्रामीण मिष्ठी को मलबे से बाहर निकालने की कोशिश करने लगे। काफी देर तक कड़ी मशक्कत कर ग्रामीणों ने मिष्ठी को मलबे से बाहर तो निकाला परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी। मिष्ठी मलबे के ढेर में ही दम तोड चुकी थी। मिष्ठी की मौत से न केवल परिवार में कोहराम मच गया बल्कि वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गई। आनन-फानन में ग्रामीणों ने मिष्ठी की मां वर्षा को पीएचसी नारायणबगड़ में भर्ती कराया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।
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