Akshat Pangriya NEET topper 2024: मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के रहने वाले हैं अक्षत पंगरिया, पहले प्रयास मे ही उत्तीर्ण की नीट परीक्षा, 99.99 परसेंटाइल के साथ देश भर मे हासिल की पहली रैंक, अक्षत का लक्ष्य डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है……………
Akshat Pangriya NEET topper 2024: एक ओर जहाँ कुछ बच्चे पढ़ाई से दूर भागते हुए नजर आते है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे होनहार बच्चे भी होते है जो मन लगाकर पढ़ाई करते है और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़कर विशेष सफलता हासिल करते है। हम आए दिन आपको ऐसे ही होनहार बच्चों से रूबरू करवाते रहते हैं जो अपनी मेहनत और लगन के जरिए अपने राज्य का मान पूरे देश में बढ़ाते हैं। इसी कड़ी मे आज हम आपको उत्तराखंड के एक और ऐसे ही होनहार बेटे से रूबरू करवाने जा रहे है जिन्होंने नीट की परीक्षा प्रथम प्रयास में ही 99.99 परसेंटाइल से उत्तीर्ण कर ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल की है और पूरे राज्य को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। जी हाँ….. हम बात कर रहे है मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के पातल गांव निवासी अक्षत पंगरिया की जिन्होंने नीट परीक्षा में बड़ी सफलता हासिल कर ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल की है। उनकी इस उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।
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NEET Exam Result 2024 प्राप्त जानकारी के अनुसार अक्षत पंगरिया मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के पातल गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के करायल चतुरसिंह क्षेत्र में रहता हैं। उनके पिता गोविंद बल्लभ पंगरिया जहां सीएचसी किच्छा में एक चिकित्सक के रूप में कार्यरत है वहीं उनकी मां सोनू पंगरिया एक कुशल गृहणी है। बता दें अपनी हाई स्कूल की परीक्षा आर्यमान विक्रम बिरला स्कूल से 97% अंकों के साथ उत्तीर्ण करने वाले अक्षत ने अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा भारतीय इंटरनेशनल स्कूल से 96% अंक हासिल किए थे। मीडिया से बातचीत में अक्षत बताते हैं कि वह 11वीं कक्षा से नीट की तैयारी कर रहे थे। इतना ही नही अक्षत की बड़ी बहन आकांक्षा भी पीएचडी की तैयारी कर रही है। अक्षत ने अपनी इस विशेष सफलता का श्रेय माता-पिता परिजनों और गुरुजनों को दिया है।
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अक्षत ने युवाओं को दिया अपनी सफलता का मूलमन्त्र:-
Akshat Pangaria Champawat Haldwani
अक्षत का कहना है कि नीट परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई की और अपने कोचिंग संस्थान की किताबें पढ़ने के साथ ही एनसीईआरटी की पुस्तकों से भी तैयारी की। उन्होंने बताया कि वह मोबाइल का इस्तेमाल बहुत कम करते हैं और युवाओं को भी संदेश देना चाहते हैं कि पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करें और तैयारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें। नियमित टेस्ट देते रहे और अपना विश्लेषण करें इतना ही नहीं अपनी गलतियों को ढूंढ कर उन में सुधार करें यही उनकी सफलता का मूल मंत्र है। अक्षत संगीत सुनने के भी शौकीन है और उनका जीवन लक्ष्य डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है। उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा अपने पिता से मिली है।