उत्तराखण्ड के अक्षित भंडारी सुपर डांसर – 3 के टाॅप 7 में , पिता हैं ई-रिक्सा चालक
जो लोग जिन्दगी में सफल न होने के लिए परिजनों की खराब आर्थिक स्थिति और गरीबी का बहाना बनाते हैं उनके लिए आइना है ऐसे लोग जो परिवार की आर्थिक स्थिति को ही अपनी प्रेरणा बना लेते हैं। या फिर यूं कहें कि परिवार की गरीबी ही ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करती है। हमारे समाज में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जिन्होंने एक गरीब परिवार में जन्म लेकर एवं बचपन में गरीबी झेलकर बाद भी अपने जीवन में बड़े-बडे़ मुकाम हासिल कर उन लोगों को एक आईना दिखाने का प्रयास किया है जो खुद की असफलता के पीछे गरीबी को दोष देते हैं और हमेशा ही गरीबी का रोना रोते रहते हैं। आज हम देवभूमि उत्तराखंड के एक ऐसे ही नन्ही प्रतिभा से रूबरू करा रहे हैं जिसने एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद छोटी सी उम्र में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है कि उसके परिजन उसकी तारीफ करते हुए कह रहे हैं कि उनके बेटे ने उन्हें एक नई पहचान दी है। जी हां… हम बात कर रहे हैं देहरादून के रहने वाले 11 वर्षीय अक्षित भंडारी की। जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक सुपर डांसर चैप्टर-3 में टॉप 7 में जगह बना ली है। बता दें कि अक्षित के पिता देहरादून में एक ई-रिक्शा चलाते हैं।
कहते हैं कि ‘प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती’। और एक बार फिर इस बात को सही साबित कर दिखाया है देवभूमि उत्तराखंड के नन्ही प्रतिभा अक्षित भण्डारी ने। बता दें कि राज्य के देहरादून जिले के प्रेमनगर के बड़ोवाला निवासी अक्षित भण्डारी ने सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक सुपर डांसर चैप्टर-3 में अपने डांस का जलवा बिखेरकर टॉप 7 में जगह बना ली है। बचपन से ही एक अच्छा डांसर बनने का सपना देखने वाले अक्षित की यह उपलब्धि इस लिए भी बहुत बड़ी है क्योंकि अक्षित के पिता राजन भंडारी देहरादून की सड़कों पर चुभती गर्मी एवं कंपकंपाती ठंड में भी ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बताते चलें कि कक्षा छह में पड़ने वाले अक्षित पिछले तीन साल से प्रेमनगर स्थित एक डांस एकेडमी में डांस सीख रहे हैं। उन्होंने मुंबई में अपने डांस का जलवा दिखाकर यह उपलब्धि हासिल की है। जल्द ही मुम्बई में इसी शो में टॉप 5 के लिए भी वोटिंग शुरू होने वाली है उम्मीद है कि यह प्रतिभावान बालक अक्षित उसमें भी अपनी जगह पक्की कर लेगा। अक्षित की इस उपलब्धि से परिजनों में खुशी का माहौल है। परिजनों के अनुसार अक्षित ने यह मुकाम हासिल कर उन्हें एक नई पहचान दिलाई है।
