Bageshwar News hindi :कपड़े धोने सरयू नदी मे गई महिला की पानी के तेज बहाव में बहने से मौत, परिजनों ने हाइड्रो पावर कंपनी को ठहराया जिम्मेदार, दो बच्चों के सिर से उठा माँ का साया, ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग….
Bageshwar News Hindi: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां पर सरयू नदी में कपड़े धोने गई महिला पानी के बढ़ते जलस्तर की चपेट में आ गई जिससे उसकी मौत हो गई। जिसका जिम्मेदार हाइड्रो पावर कंपनी को ठहराया गया है कि उन्होंने बिना सायरन बजाएं डैम से पानी छोड़ा जिसके कारण यह दर्दनाक हादसा घटित हुआ है। इस हादसे के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है वहीं महिला की मौत से दो मासूम बच्चों के सिर से मां का साया उठ चुका है। ग्रामीणों ने हाइड्रो पावर कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करने समेत मुआवजे की मांग की है।
Saryu River Bageshwar : अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बीते गुरुवार को बागेश्वर जिले के कपकोट तहसिल के तिमिलाबगड़ गांव की निवासी 32 वर्षीय विमला मार्तोलिया पत्नी आनंद सिंह मार्तोलिया गांव के पास बह रही सरयू नदी में कपड़े धोने के लिए गई थी। इस दौरान करीब 11:30 नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ गया जिसके कारण महिला पानी के तेज बहाव में बह गई। तभी गांव की तीन अन्य महिलाएं नीलम देवी, ममता देवी और मथुरा देवी भी इसी दौरान कपड़े धोने के लिए नदी की ओर जा रही थी। जहां पर उन्होंने विमला को बहता देखा तो शोर मचाना शुरू किया। महिलाओं का शोर सुनते ही ग्रामीण मौके पर घटना स्थल की तरफ दौड़े और उन्होंने गांव से करीब 500 मीटर आगे चीराबगड मे महिला को नदी से बाहर निकाला । सूचना मिलते ही पुलिस और फायर सर्विस की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी जिन्होंने सामूहिक प्रयास से महिला को सड़क पर लाकर वाहन से सीएचसी अस्पताल पहुंचाया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने हाइड्रो पावर कंपनी उत्तर भारत के खिलाफ सीएचसी कपकोट मे जमकर हंगामा व नारेबाजी की। महिला के चाचा ससुर प्रताप सिंह ने कहा कि हाइड्रो पावर कंपनी के डैम मे सफाई का कार्य चल रहा था जब महिला कपड़े धोने नदी में गई तब नदी का जलस्तर काफी कम था लेकिन अचानक से बिना सायरन बजाएं डैम से पानी छोड़ दिया गया जिसके कारण विमला पानी के तेज बहाव में बह गई।
कंपनी पर लगे आरोप:
बताया जा रहा है कि महिला का पति टैक्सी चालक है जिनके दो छोटे बच्चे हैं। महिला की मौत का जिम्मेदार कंपनी को बताया जा रहा है। जिनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की जा रही है। तिमिलाबगड़ के ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम के बाद महिला के शव को कंपनी के आगे रखकर धरना शुरू कर दिया है साथ ही ग्रामीण परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। यह भी पढ़िए:अल्मोड़ा के चमड़खान की लता बिष्ट की संदिग्ध परिस्थितियों में गई जिंदगी, लगे कई आरोप…
वहीं कंपनी का कहना है कि डैम के गेट के नीचे लोहे का टुकड़ा फंस गया था जिसको निकालने के लिए सफाई की जा रही थी सफाई से पूर्व सायरन बजाया गया था। कंपनी से नदी में जब भी पानी छोड़ा जाता है तो बिजली के कारण रुकने पर नदी में पानी छोडा जाता है और इस दौरान हर समय सायरन बजता है। तब पानी को धीरे-धीरे छोड़ा जाता है कंपनी करीब 10 साल से चल रही है और इस तरह की परेशानी कभी नहीं आई। कंपनी का कहना है कि वह पीड़ित परिवार की मदद करने को तैयार है।