anadolu yakası escort - bursa escort - bursa escort bayan - bursa bayan escort - antalya escort - bursa escort - bursa escort -
istanbul escort - istanbul escorts -
ümraniye escort - bursa escort - konya escort - maltepe escort - eryaman escort - antalya escort - beylikdüzü escort - bodrum escort - porno izle - istanbul escort - beyliküdüzü escort - ataşehir escort -
Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="Bageshwar prakash karki return to his hometown"

उत्तराखण्ड

बागेश्वर

उत्तराखण्ड : 24 साल पहले घर से भागकर चले गए थे प्रकाश, लॉकडाउन में वापस आए पहाड़

24 साल पहले घर छोड़ गया था बागेश्वर (Bageshwar) का युवक, वापस लौटने पर परिजनों ने भी नहीं पहचाना, अब उसी स्कूल में है क्वारंटीन जहां से की थी पढ़ाई..

कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन ने जहां अधिकांश लोगों को परेशान कर रखा है वहीं ये लॉकडाउन अनेकों घरों में मिलन की खुशियां लेकर भी आया है। जी हां.. पहली बार देशव्यापी लॉकडाउन होने से देश के कई नागरिक अपने परिजनों से वर्षों बाद मिले हैं, इनमें से कुछ लोगों की तो परिजनों को जिंदा होने की उम्मीद भी नहीं थी। उत्तराखंड में भी लॉकडाउन के बीच ऐसे कई प्रवासी अपने घर लौटे हैं जो वर्षों से लापता थे। आज हम आपको राज्य के एक ऐसे ही प्रवासी नौजवान से रूबरू करा रहे हैं, जो 24 वर्षों बाद अपने घर लौटा। हम बात कर रहे हैं राज्य के बागेश्वर (Bageshwar) जिले के रहने वाले प्रकाश सिंह कार्की की, जो बीते 18 म‌ई को 24 वर्षों बाद जब घर पहुंचा तो न केवल गांव वालों ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया बल्कि उसके परिजन भी उसे अपनाने से कतराने लगे, परंतु जब प्रकाश ने अपने बचपन की यादें ताजा कर मां को सुनाई तो 68 वर्षीय मां ने भावुक होकर उसे अपने सीने से लगा लिया और उसे आइंदा बिना बताए कहीं ना जाने की कसम भी दी। अब प्रकाश, शामा के उसी इंटर कालेज में क्वारंटीन है, जहां से उसने पढाई प्राप्त की थी।


यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: 350 किमी का सफर साइकिल से तय कर पहाड़ पहुंचा प्रवासी, तीसरे दिन खाया खाना

1995 में बिना किसी को बताए घर छोड़कर चला गया था प्रकाश, सकुशल घर वापसी पर परिजन देर रहे लॉकडाउन को धन्यवाद:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के बागेश्वर (Bageshwar) जिले के कपकोट तहसील के दूरस्थतम गांव रमाड़ी गांव के प्रकाश सिंह कार्की आज से 24 वर्ष पहले अचानक घर से लापता हो गए थे, उस समय उनकी उम्र 18-19 वर्ष थी, जबकि आज वह 43 वर्ष के हैं। लॉकडाउन के कारण 24 वर्ष बाद घर वापसी करने वाले प्रकाश का कहना है कि इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह 1995 में काम की तलाश करने को एक दिन घर वालों से बिना कुछ कहे घर छोड़कर निकल ग‌ए थे। घर छोड़ने के बाद सबसे पहले वह दिल्ली पहुंचे, उसके बाद मुम्बई और फिर हिमाचल जाकर बागवानी सीखी, वर्तमान में वह गुजरात में रहकर इलेक्ट्रिशियन का काम कर रहा थे। विभिन्न राज्यों में दर-दर की ठोकरें खाकर अपनी गुजर-बसर करने वाला प्रकाश और उसके परिजन इतने वर्षों बाद एक-दूसरे से मिलने से काफी खुश हैं एवं लॉकडाउन को धन्यवाद दे रहे हैं, साथ ही प्रकाश को अपने पिता को ना देख पाने का गम भी है। प्रकाश की मां बचुली देवी कहती है‌ कि प्रकाश को उन्होंने बहुत ढूंढा परंतु उसका कोई पता नहीं चला, प्रकाश का इंतजार करते-करते उसके पिता का कुछ वर्षो पहले निधन हो गया, अब वह कभी भी प्रकाश को‌ खुद से दूर नहीं जाने देगीं।


यह भी पढ़ें- गाजियाबाद से पैदल चलकर उत्तराखण्ड पहुंची युवती, कोरोना ने छीन ली नौकरी और रहने का ठिकाना

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top