Haridwar Bijnor Highway: हरिद्वार बिजनौर हाईवे के बनने से लक्सर से बिजनौर की दूरी 105 किलोमीटर से घटकर मात्र 55 किलोमीटर रह जाएगी
प्रगति के पथ पर अग्रसर उत्तराखंड में अब सुविधाएं दिन प्रतिदिन पहले से बेहतर हो रही है। सड़क, रेल, हवाई सेवाओं में तेजी से सुधार किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी इलाकों तक लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई द्वारा सुधारी गई सड़कों की स्थिति के कारण जहां अनेक संपर्क मार्गो पर सफर पहले से काफी आरामदायक हो गया है वहीं बाईपास मार्गों के निर्माण से कई संपर्क मार्गो की दूरी भी घटने वाली है। इसी कड़ी में आज एक खबर हरिद्वार से सामने आ रही है। जहां लक्सर से बिजनौर का सफर अब पहले से और अधिक आसान होने जा रहा है। ये संभव हो पाया है बालावाली में गंगा पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सड़क यातायात के लिए पुल निर्मित किए जाने से, जिसके बाद अब लक्सर से बड़े वाहन बालावाली होते हुए सीधे बिजनौर जा सकेंगे। इस रास्ते से लक्सर से बिजनौर की दूरी लगभग 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। गौरतलब है कि वर्तमान में हरिद्वार से बिजनौर जाने वाले बड़े वाहन हरिद्वार श्यामपुर होकर नजीबाबाद के रास्ते बिजनौर जाते हैं।(Haridwar Bijnor Highway)
सबसे खास बात तो यह है कि लोक निर्माण विभाग लक्सर से रायसी होते हुए बालावाली तक पड़ने वाले इस सड़क मार्ग का विस्तारिकरण करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत विभाग द्वारा इस सड़क की चौड़ाई 5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर की जानी है। इसके लिए सरकार द्वारा लगभग 25 करोड़ का बजट भी आवंटित किया जा चुका है। इस सड़क मार्ग के बनने से जहां बड़े वाहनों के साथ ही छोटे वाहनों के लिए भी लक्सर से बिजनौर का सफर आसान हो जाएगा। वहीं पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की तरफ से बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर और बरेली की तरफ जाने वाले वाहनों को भी आसानी होगी। बता दें कि वर्तमान में हरिद्वार से लक्सर, श्यामपुर, नजीबाबाद होते हुए बिजनौर पहुंचने के लिए वाहनों को 105 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है परन्तु इस सड़क मार्ग के बनने के बाद अब लक्सर से बिजनौर की दूरी घटकर मात्र 55 किलोमीटर रह जाएगी।
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सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।