OHO Radio के एक इंटरव्यू के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(CM Dhami) अपनी पहाड़ की यात्रा को बताते बताते कुछ इस तरह भावुक हुए की पहाड़ी लोकगीत बेडु पाको बारामासा गुनगुनाने लगे
कोई भी व्यक्ति जो उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों से ताल्लुक रखता हों, जिसका बचपन पहाड़ की हसीन वादियों के बीच गुजरा हों, वो आखिर कैसे वहां की खूबसूरत वादियों और आबोहवा को भूल सकता है। ये महज कहने की बात नहीं है वरन एक सास्वत सत्य भी है। इसका ताजा उदाहरण राज्य के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) के उस इंटरव्यू में देखने को मिलता है जो उन्होंने उत्तराखण्ड के पहले डिजिटल रेडियो स्टेशन ‘ओहो रेडियो'(OHO Radio) को दिया था। अपने इस इंटरव्यू के दौरान पहाड़ की यात्रा के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री धामी जहां काफी खुश नजर आते हैं वहीं उनकी आवाज से भावुकता भी झलकती है। इंटरव्यू में उनकी खुशी का कारण जहां अभी तक उनके दिल में तरोताजा पहाड़ की यादें हैं वहीं वर्तमान में पहाड़ को छोड़कर शहर में बसने के कारण इन्हीं यादगार पलों को याद कर वह भावुक हो जाते हैं। यह भी पढ़ें- अब सबसे युवा मुख्यमंत्री के हाथों में राज्य की बागडोर, जानिए अपने नए CM पुष्कर धामी का सफरनामा
बता दें कि ओहो रेडियो को दिए अपने एक इंटरव्यू में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ से जुड़ी हुई अपनी कुछ यादें भी साझा की। एक वाकए का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार वह अपनी जन्मभूमि पिथौरागढ़ जिले में गए थे। अपने पंद्रह दिनी भ्रमण के दौरान अपने गांव के साथ-साथ वह थल-मुवानी भी गए थे। वह बताते हैं कि वापसी में अल्मोड़ासे हल्द्वानी की ओर आते हुए उनका मन काफी उदास था। वहां की मनमोहक वादियों, पेड़-पौधो, नौले-धारों को देखकर ऐसा लग रहा था कि पता नहीं वह अपने पीछे क्या-क्या छोड़कर जा रहे हैं। पहाड़ी के इन्हीं लम्हों को याद कर वह देखते ही देखते सुप्रसिद्ध पहाड़ी लोकगीत ‘बेडूपाको बारमासा‘ गुनगुनाने लगे।