उत्तराखण्ड: भावना ने ट्यूशन पढ़ाकर भरी कॉलेज की फीस, अब आईएसएस में पाई 5वी रैंक
कहते हैं अभावों का प्रभाव काफी जल्दी नजर आता है। आपने ऐसे कई लोगों के बारे में पढ़ा या सुना होगा जिन्होंने अपनी अभावों भरी जिंदगी को अपनी लगन एवं मेहनत के बलबूते काफी प्रभावशाली बनाया है। आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू करा रहे हैं जिसका बचपन तो अभावों में गुजरा लेकिन आईएसएस की परीक्षा में सफलता पाकर उसने अपनी जिंदगी को इतना प्रभावी बना दिया कि अब लोग अपने बच्चों को उसकी मिसाल दे रहे हैं। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले की रहने वाली भावना जोशी की, जिन्होंने न सिर्फ आईएसएस की परीक्षा में सफलता हासिल की बल्कि वह पूरे देश में पांचवें स्थान पर रही। बचपन से संघर्षों और अभावों में अपना जीवन बिताने वाली भावना की इस सफलता से जहां उनका परिवार बड़ा खुश हैं वहीं पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय भावना नेअपने माता-पिता को दिया है। बता दें कि अपनी परास्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद पहली बार 2017 में आईएसएस की परीक्षा देने वाली भावना को उनके तीसरे प्रयास में यह अभूतपूर्व सफलता मिली है।
माँ ने दूध बेचकर चलाया घर तो भावना ने ट्यूशन से भरी कॉलेज की फीस:- प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को घोषित हुए इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस परीक्षा-2019 के परीक्षा परिणामों में भावना ने अभूतपूर्व सफलता पाते हुए ऑल इंडिया स्तर पर पांचवीं रैंक हासिल की है। बताते चलें कि मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जनपद निवासी एवं वर्तमान में हल्द्वानी के लामाचौड़ के पीपल पोखरा में अपने परिवार के साथ रहने वाली भावना जोशी ने अपनी बारहवीं तक की परीक्षा जीआईसी लामाचौड़ से प्राप्त की है। भावना की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपनी सारी पढ़ाई बिना किसी ट्यूशन की सहायता से करने वाली भावना ने दसवीं में 73 प्रतिशत अंक तो बारहवीं में 71 प्रतिशत अंक हासिल है। इसके बाद एमबीपीजी कालेज में बीएससी में दाखिला लेने वाली भावना ने अपनी कालेज की पढ़ाई का खर्चा घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर निकाला और बीएससी के बाद पंतनगर कॉलेज से एमएससी करने के दौरान स्कालरशिप हासिल कर अपनी पढ़ाई जारी रखी। भावना के पिता अल्मोड़ा मैग्नेसाइट लिमिटेड कंपनी में इलैक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत हैं जबकि उनकी माता लीला जोशी एक कुशल गृहिणी है। और उन्होंने भी गाय का दूध बेचकर अर्जित धन से बच्चों के सुरक्षित भविष्य की नींव रखी।
