उत्तराखण्ड की मशरुम गर्ल दिव्या रावत का सभी को एक अनूठी सौगात,कड़ाके की ठण्ड में आपके घर कीड़ाजड़ी चाय
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कीड़ाजड़ी चाय के फायदे : हिमालयी क्षेत्र में समुद्रतल से लगभग 11500 फुट से अधिक ऊंचाई पर मिलते है (यारसागुंबा) ,जो की एक शक्तिवर्द्धक औषधि है। दिव्या रावत के अनुसार “कीड़ाजड़ी चाय के बहुत से फायदे हैं जिनमें से सबसे महत्तवपूर्ण फायदा है कि यह शरीर के डीटॉक्सिफिकेशन के लिए काफी लाभदायक है। कीड़ाजड़ी चाय शरीर में मौजूद सभी हानिकारक तत्वों से आराम दिलाती है, और इस चाय में आपको प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्व मिलेंगे। ये सभी पोषक तत्व तत्काल रूप में प्राकृतिक तौर पर शरीर को ताक़त देते हैं। इतना ही नहीं बढ़ती उम्र में होने वाली समस्याओं और गुर्दे की समस्या भी इस चाय से कम हो सकती है। सामान्य तौर पर ये एक तरह का जंगली मशरूम ही है जो एक ख़ास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स पर उगता है। जिस कीड़े के कैटरपिलर्स पर ये उगता है, उसका नाम हैपिलस फैब्रिकस है। इसका वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेसिस है। ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी होने की वजह से स्थानीय लोग इसे कीड़ा-जड़ी कहते हैं। चीन-तिब्बत में इसे यारशागंबू कहा जाता है। धारचूला की उच्च पहाड़ियों में भी ये आसानी से मिल जाता है।
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