उत्तराखण्ड की मशरुम गर्ल दिव्या रावत का सभी को एक अनूठी सौगात,कड़ाके की ठण्ड में आपके घर कीड़ाजड़ी चाय
उत्तराखण्ड में जहाँ आजकल चारो और वादियां बर्फ की सफ़ेद चादर से ढकी हुई है , ऐसे ठण्ड में हर किसी को चाय की एक चुस्की मिल जाये तो बात ही बन जाये। चाय के साथ साथ अगर ऐसे कड़ाके की ठण्ड में कीड़ाजड़ी चाय मिल जाये तो फिर सर्दी में होने वाली आम बीमारियों से मिलो दूर रहेंगे आप। उत्तराखंड की मशरुम गर्ल दिव्या रावत एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। लेकिन इस बार वजह है, उनकी कीड़ा जड़ी((यारसा गंबू) चाय। इस कडकडाती ठंड में उत्तराखण्ड की मशरूम गर्ल के नाम से प्रसिद्ध दिव्या रावत ने लोगों को एक अनूठी सौगात दी है। दिव्या नें अपने ऑफिसियल फेसबुक एकाउंट पर लोगों को एक कप चाय हेतु कीड़ाजड़ी भेजने का पता भेजने को कहा है।
बता दे की उत्तराखण्ड की मशरुम गर्ल दिव्या रावत एक कप की़ड़ाजड़ी चाय के लिए लोगों को फ्री में बेशकीमती कीड़ाजड़ी भेज रही है। दिव्या नें अपने ऑफिसियल फेसबुक एकाउंट पर लोगों को एक कप चाय हेतु कीड़ाजड़ी भेजने का पता भेजने को कहा तो देशभर के कोने कोने से और विदेशों से सैकड़ों लोगों ने उनको पत्र भेजकर इस चाय की मांग की है। सबसे खाश बात तो ये है की लोगो को बेशकीमती कीड़ाजड़ी के लिए कही बहार भटकने की जरूरत नहीं है, बल्कि लोगों की मांग पर दिव्या एक ग्राम कीड़ाजड़ी को उनके दिये गये पते पर डाक द्वारा भेज रही है। दिव्या कहती है “मैं बेहद खुश हूँ की देश के कोने कोने से लोग एक कप कीड़ाजड़ी चाय के लिए काफी उत्साहित हैं।” दिव्या रावत ने देश का पहला कीड़ाजड़ी चाय रेस्टोरेंट वर्ष 2018 में ही देहरादून में खोला था। दिव्या ने अपने अथक प्रयासों से देहरादून के मथोरावाला में अपने सौम्य फ़ूड प्राइवेट लि० की लैब में बेशकीमती कीड़ाजड़ी को उगाया है। जिसकी मांग अब विदेशो से भी होने लगी है ,क्योंकि कीड़ाजड़ी की चाय स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है, और इससे शरीर की रोगो से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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कीड़ाजड़ी चाय के फायदे : हिमालयी क्षेत्र में समुद्रतल से लगभग 11500 फुट से अधिक ऊंचाई पर मिलते है (यारसागुंबा) ,जो की एक शक्तिवर्द्धक औषधि है। दिव्या रावत के अनुसार “कीड़ाजड़ी चाय के बहुत से फायदे हैं जिनमें से सबसे महत्तवपूर्ण फायदा है कि यह शरीर के डीटॉक्सिफिकेशन के लिए काफी लाभदायक है। कीड़ाजड़ी चाय शरीर में मौजूद सभी हानिकारक तत्वों से आराम दिलाती है, और इस चाय में आपको प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्व मिलेंगे। ये सभी पोषक तत्व तत्काल रूप में प्राकृतिक तौर पर शरीर को ताक़त देते हैं। इतना ही नहीं बढ़ती उम्र में होने वाली समस्याओं और गुर्दे की समस्या भी इस चाय से कम हो सकती है। सामान्य तौर पर ये एक तरह का जंगली मशरूम ही है जो एक ख़ास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स पर उगता है। जिस कीड़े के कैटरपिलर्स पर ये उगता है, उसका नाम हैपिलस फैब्रिकस है। इसका वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेसिस है। ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी होने की वजह से स्थानीय लोग इसे कीड़ा-जड़ी कहते हैं। चीन-तिब्बत में इसे यारशागंबू कहा जाता है। धारचूला की उच्च पहाड़ियों में भी ये आसानी से मिल जाता है।
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