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PMO में पद मिलने के बाद भी 17 किमी पैदल चलकर गांव पहुंचे DM मंगेश, ग्रामीणों को दिया तोहफा

IAS DM MANGESH GHILDIYAL

उत्तराखण्ड

टिहरी गढ़वाल

PMO में पद मिलने के बाद भी 17 किमी पैदल चलकर गांव पहुंचे DM मंगेश, ग्रामीणों को दिया तोहफा

Tehri Garhwal: जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (Mangesh Ghildiyal) ने फिर पेश की मिशाल, पीएमओ में तैनाती का पत्र मिलने के बावजूद 17 किमी पैदल चलकर पहुंचे सीमांत गांव, ग्रामीणों को दिया स्कूल और मोबाइल टॉवर का तोहफा..

अपनी बेहतरीन कार्यशैली से जनता के दिलों पर राज करने वाले टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) जिले के वर्तमान जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (Mangesh Ghildiyal) ने एक बार फिर सादगी की मिसाल पेश की है। ऐसे समय में जब उनका स्थानांतरण पीएमओ में हो चुका है तब भी वह टिहरी वासियों की सेवा में सच्चे भाव से जुटे हुए हैं। उनकी जगह कोई और अधिकारी होता तो शायद वह इतनी बड़ी उपलब्धि के बाद अपने पूर्व निर्धारित दौरे भी रद्द कर देता परंतु लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश ने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वह पहले की तरह ही जिले का कार्यभार संभाल रहे हैं। इतना ही नहीं पीएमओ में स्थानांतरित होने की सूचना मिलने के बावजूद वह 17 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर सीमांत गांव गंगी पहुंचे। जिलाधिकारी मंगेश को पहाड़ के टेढ़े मेढे एवं पथरीले रास्तों पर पैदल चलता देखकर जहां सीमांत इलाकों के लोग चौंक गए वहीं वह जिलाधिकारी के इस सादगीपूर्ण व्यवहार एवं बेहतरीन कार्यशैली की तारीफ करने से भी नहीं चूके। गांव पहुंचने के बाद जिलाधिकारी मंगेश ने न केवल आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया बल्कि ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर मौके पर मौजूद अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए निर्देशित भी किया और ग्रामीणों को  मोबाइल टावर और स्कूल का तोहफा भी दिया।
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गांव पहुंचकर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर सम्बंधित अधिकारियों को दिए जल्द समाधान करने के निर्देश:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल बीते सोमवार को 17 किमी पैदल चलकर जिले के भिलंगना ब्लॉक के सीमांत गंगी गांव पहुंचे। गांव पहुंचकर उन्होंनेे बीते 10 अगस्त को बारिश से हुए भारी नुकसान का जायजा लिया। बता दें कि बीते दस अगस्त को बारीश ने गंगी गांव में भारी तबाही मचाई थी। जहां गांव के बीचों बीच बहने वाला गदेरा उफानाने से दस लोगों के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे वहीं तीन गोशाला ढहने से 15 पशु भी मलबे में दबकर जिंदा दफन हो गए थे। आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान ग्रामीणों ने आपदा से क्षतिग्रस्त हुए रास्तों, पैदल पुलों के पुनर्निर्माण के साथ ही गांव में विद्यालय भवन का जल्द निर्माण करने और क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि टावर ना होने से मोबाइल में नेटवर्क नहीं आते जिस कारण ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिस पर जिलाधिकारी ने न सिर्फ पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को तीन माह से यातायात के लिए बंद पड़े घुत्तू-रीह-गंगी सड़क जल्द खोलने के निर्देश दिए बल्कि ग्रामीणों को तोहफा देते हुए गांव में एक मोबाइल टावर लगाने तथा स्कूल खोलने के निर्देश भी सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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