DM Ranjana Rajguru: ऊंचे-नीचे पहाड़ी रास्तों पर 12 किमी पैदल चलकर दूरस्थतम गांव पहुंची जिलाधिकारी, लिया आपदा की तैयारियों का जायजा..
पहाड़ के जिस दूरस्थ गांव में अधिकारी/कर्मचारी भी बिल्कुल नहीं जाना चाहते वहां एक महिला आईएएस अफसर ने पैदल गांव का दौरा कर न सिर्फ मिशाल पेश की बल्कि अधिकारी/कर्मचारियों को यह भी बताने की कोशिश कि जब गांव के ग्रामीण सालभर ऐसे हालातो से गुजरते हैं तो क्या हम चंद दिन भी विपरीत परिस्थितियों में नहीं गुजार सकते। जी हां.. हम बात कर रहे हैं बागेश्वर जिले की जिलाधिकारी रंजना राजगुरु (DM Ranjana Rajguru) की, जो बीते गुरुवार को पहाड़ी रास्तों पर 12 किमी पैदल चलकर जिले के दूरस्थतम खाती गांव पहुंची। डीएम ने अधिकारियों की टीम के साथ अपना यह दौरा आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों का जायजा लेने के लिए किया था। जिलाधिकारी को यूं पहाड़ी रास्तों में 12 किमी पैदल चलता देख जहां सब हैरान रह गए वहीं क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी के इस कार्य की जमकर सराहना करते हुए अन्य सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों को डीएम से कुछ सीख लेने की सलाह दी। इस दौरे के दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया।
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डीएम ने पीएमजीएसवाई के ईई को दिए खातीगांव के लिए स्वीकृत सड़क मार्ग का जल्द से जल्द निर्माण कराने के निर्देश:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले की जिलाधिकारी रंजना राजगुरु (DM Ranjana Rajguru) बीते गुरुवार को अपने अधिकारियों की टीम के साथ पैदल चलकर आपदा की दृष्टि से संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र से सटे खातीगांव पहुंची। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ आपदा के दृष्टिगत की जा रही तैयारियों का जायजा लिया बल्कि पीएमजीएसवाई के ईई अनिल कुमार को गांव के लिए स्वीकृत सड़क मार्ग का निर्माण जल्द से जल्द करने के निर्देश भी दिए। बता दें कि यह गांव सड़क मार्ग से 12 किमी दूर स्थित है। अधिकारियों ने बताया कि खातीगांव बागेश्वर जिले का वो गांव है जो मानसून और बर्फबारी के दौरान सर्वाधिक प्रभावित होता है। इसके अलावा जिलाधिकारी ने पिंडारी ग्लेशियर के ट्रेकिंग रूट का जायजा लेकर सम्बंधित अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर साइन बोर्ड लगाने तथा मार्ग में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए ताकि पर्यटकों को अपनी यात्रा के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस दौरान जिलाधिकारी रंजना ने मनरेगा से बनाई गई सुरक्षा दीवारों का निरीक्षण करने के साथ ही गांव में हंस फाउंडेशन के माध्यम से संचालित अस्पताल का निरीक्षण भी किया।
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