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Uttarakhand: For the first time after Independence, vehicle reached the village in bhimtal block

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उत्तराखंड: आजादी के बाद पहली बार गांव पहुंची गाड़ी तो खुशी से झूम उठे ग्रामीण

आजादी (Independence) के 74 साल बाद पहली बार पहुंची गाड़ी, खुशी से झूम उठे ग्रामीण..

अगले वर्ष हम देश की आजादी (Independence) की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं और उत्तराखण्ड को अलग राज्य बने भी 20 वर्षों से ज्यादा समय हो चुका है। परंतु राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी लोग अपने गांव में पहली बार गाड़ी पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। पहली बार गाड़ी पहुंचने पर अब तक सड़क विहीन इन गांवों के ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनती है। आज फिर राज्य के नैनीताल जिले के भीमताल ब्लाक के ग्राम पंचायत अलचौना के थूम तोक से ऐसी ही एक खबर आ रही है। जहां पहली बार गाड़ी पहुंचने से खुश ग्रामीणों ने न केवल मिठाई बांटकर एक दूसरे का मुंह मीठा किया बल्कि वह ढोल की थाप पर खुशी में नाचते-झूमते भी नजर आए।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के नैनीताल जिले के भीमताल ब्लाक के अलचौना ग्राम पंचायत के थूम तोक में बीते रोज पहली बार गाड़ी पहुंची। ग्रामीणों में पहली बार गांव में गाड़ी पहुंचने की इतनी खुशी थी कि वह सड़क पर ही नाचने-झूमने लगे। इस संबंध में समाजसेवी गोपाल तिवारी ने बताया कि क्षेत्र के विधायक राम सिंह कैड़ा और जिला पंचायत सदस्य अनिल चनौतिया की ओर से मिली निधि से गांव के लिए चार किमी सड़क का निर्माण कराया गया है। सड़क निर्माण में जहां गांव के लोगों ने खुद श्रमदान भी किया है वहीं गांव के ही विपिन चंद्र तिवारी ने सड़क के लिए आठ लाख रुपये भी दिए हैं। इतना ही नहीं गांव के खीमानंद तिवारी ने सड़क निर्माण के लिए अपनी जमीन बिना कोई मुआवजे मांगे दी है। गांव के अन्य लोगों ने भी सड़क निर्माण में अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग किया है।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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