Government Polytechnic College Pauri: राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान पौड़ी होने जा रहा है बंद , 2014 में हुई थी स्थापना
प्रदेश के राजकीय पॉलिटेक्निकों पर बंदी की तलवारे तो काफी लम्बे समय से लटकी हुई थी। क्योकि यहाँ हालात कुछ ऐसे है की कही छात्र हैं, तो कहीं शिक्षक नहीं। ऐसी ही एक खबर प्रदेश के पौड़ी जिले से है। जी हाँ जिला मुख्यालय पौड़ी का राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान(Government Polytechnic College Pauri) स्थापना के सात साल बाद ही बंद होने जा रहा है। प्राविधिकी शिक्षा निदेशालय ने छात्रों की संख्या में कमी होने के कारण संस्थान को बन्द करने के तथा सभी अध्ययनरत छात्रों को अन्यत्र पॉलीटेक्निक संस्थानों मे शिफ़्ट करने के निर्देश दिये है, बता दें कि सात साल पूर्व मैकेनिकल, इंजीनियरिंग ट्रेड के साथ 25 सीटें निर्धारित कर संस्थान का संचालन शुरू किया गया था । वर्तमान मे संस्थान मे प्रधानाचार्य सहित 16 शिक्षक-कर्मचारी सेवारत है , संस्थान मे इस वर्ष से नये प्रवेश भी बन्द कर दिये गये है तथा पॉलिटेक्निक संस्थान को भवन निर्माण के लिए गॉव मे मिली वन पंचायत की जमीन को भी उच्च शिक्षा प्रशासन को सौंपने के निर्देश मिले है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय पॉलीटेक्निक पौड़ी की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग ट्रेड के साथ 25 सीटें निर्धारित कर संस्थान का संचालन शुरू किया गया। संस्थान का संचालन सर्वप्रथम कुछ समय तक बाल विकास विभाग के भवन में संचालित हुआ तथा इसके उपरांत पॉलीटेक्निक को कृषि विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में शिफ्ट किया गया। लेकिन इसी बीच नए भवन निर्माण के लिए संस्थान को च्वींचा गांव में वन पंचायत की भूमि मिली, जहॉ पर छह करोड़ की लागत से भवन निर्माण का कार्य होना था ,बताते चलें कि प्राविधिकी शिक्षा निदेशालय ने छात्रों की संख्या को कम बताते हुए संस्थान में अध्ययनरत सभी छात्रों को शिफ्ट किए जाने के लिए अन्यत्र विकल्प मांगें हैं। जिसमें छात्रों ने श्रीनगर, देहरादून सहित अन्य संस्थानों के विकल्प दे दिए हैं, पॉलिटेक्निक संस्थान के प्रधानाचार्य ओमकार शर्मा ने बताया कि संस्थान में कुल 45 छात्र-छात्राएं हैं, जिनमें अंतिम वर्ष के 18 बच्चे पास आउट हो जाएंगे। शेष 27 बच्चों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने को लेकर विकल्प भरकर दे दिए हैं।उन्होंने ने कहा कि अभी तक प्राविधिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों और कर्मचारियों के समायोजन को लेकर कोई निर्देश नहीं दिए है।
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