उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand government) का बड़ा फैसला: नियमित नियुक्तियों पर रोक आउटसोर्स के जरिए भर्ती कर लिया जाएगा काम..
कोरोना वाइरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। जब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी इसका व्यापक असर देखने को मिला है तो उत्तराखण्ड इससे कैसे अछूता रह सकता है। यही कारण है कि उत्तराखंड सरकार (uttarakhand government) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में न सिर्फ अनावश्यक खर्चों, वेतनमान के उच्चीकरण पर रोक लगा दी है बल्कि अगले आदेश तक सभी विभागों में नियमित नियुक्तियां न करने का भी ऐलान किया है। इस सम्बन्ध में राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए सरकार को अधिक खर्च करना पड़ रहा है। इस पर लॉकडाउन की वजह से आय तेजी से कम हुई है जिसका असर प्रदेश की जीडीपी पर भी पड़ा है जिस कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार (Uttarakhand government) को कटौती का यह निर्णय लेना पड़ रहा है। सरकार के इस आदेश में नियमित नियुक्तियों की जगह आउटसोर्स के जरिए काम कराने को कहा गया है जिससे सरकार पर वेतन का बोझ कम से कम पड़े।यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड : कुमाऊं मंडल में खुलेगी एक और नई कोरोना टेस्टिंग लैब, आइसीएआर ने दी अनुमति
खर्च कम करने के लिए सरकार ने चलाई अनावश्यक खर्चों, इंक्ररीमेंट पर कैंची, नियमित नियुक्तियां पर भी रोक:-
1) तकनीकी के प्रयोग से कर्मचारियों पर काम का बोझ कम हुआ है जिस कारण अनावश्यक पदों को समाप्त किया जाएगा। इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित किया जाएगा।
2) इस वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों के वेतनमान का उच्चीकरण नहीं किया जाएगा।
3) चिकित्सा एवं पुलिस विभागों के अलावा अन्य किसी भी विभाग नए पद सृजित किए जाएंगे।
4) आगामी आदेशों तक सभी विभागों में संविदा, नियत वेतन या फिर नियमित वेतन पर नियुक्तियों पर रोक, केवल आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति कर काम कराया जाए।
5) कार्यालयों में नए भवन निर्माण, गेस्ट हाउस के निर्माण पर पूरी तरह रोक
6) इलेक्ट्रॉनिक काम-काज को वरीयता स्टेशनरी के अनावश्यक खर्चे पर रोक
7) सुरक्षा को छोड़कर नए वाहनों की खरीद पर रोक, आउटसोर्स के माध्यम से लगाए जाएं वाहन।
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