चंडीगढ़ से प्रवासियों (Uttarakhand migrant) की सुरक्षित वापसी के बाद प्रवासियों को उत्तराखण्ड लाने के अब गुरूग्राम भेजी गई 103 बसें..
उत्तराखंड सरकार विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों (Uttarakhand migrant) की जल्द उत्तराखंड वापसी के लिए प्रयासरत हैं। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि उत्तराखण्ड वापसी के इच्छुक प्रवासियों को जल्द वापस लाया जाए। सरकार ने अपने इन प्रयासों को अब और भी तेज कर दिया है। जहां उत्तराखण्ड सरकार अभी तक चंडीगढ़ से 123 बसों में 3500 प्रवासियों को उत्तराखण्ड वापस ला चुकी है वहीं अब गुरूग्राम में फंसे प्रवासियों की घर वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार ने गुरुग्राम में फंसे 3000 लोगों को लाने के लिए उत्तराखण्ड परिवहन निगम की 103 बसें बीते बुधवार शाम को गुरूग्राम के लिए रवाना किया गया। इनमें से कुछ बसों को आईएसबीटी और हिल डिपो, जबकि बाकी बसों को हरिद्वार, ऋषिकेश व रुड़की से भेजा गया है। इन बसों में उन्हीं प्रवासियों को लाया जाएगा जिन्हें सरकार की तरफ से कन्फर्मेशन संदेश प्राप्त हुआ हो। इसके साथ ही सरकार ने केवल रिलीफ कैंपों और श्रमिकों को लाने के लिए जारी केंद्रीय गाइडलाइन से पैदा हुई असमंजस की स्थिति को दूर करते हुए कहा है कि वह विभिन्न राज्यों में फंसे लाखों प्रवासियों की सुरक्षित घर वापसी कराएगी। गुरूग्राम में यहां से मिलेगी बसें:-
अभी तक एक लाख 64 हजार प्रवासियों ने कराया पंजीकरण, सभी को उत्तराखंड वापस लाएगी सरकार:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक एक लाख 64 हजार प्रवासी उत्तराखण्ड वापस आने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। बताया गया है कि यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि सरकार इन सभी की उत्तराखंड वापसी कराएगी। राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस बात की जानकारी मीडिया को देते हुए कहा कि प्रवासियों की उत्तराखंड वापसी का यह कार्यक्रम विभिन्न चरणों में सम्पन्न होगा। पहले चरण में केवल राहत शिविरों एवं रास्तों में फंसे प्रवासियों की उत्तराखंड वापसी कराई जाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी कहा है कि सरकार सभी प्रवासियों की उत्तराखंड वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रवासियों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सभी को एक साथ उत्तराखण्ड वापस पहुंचाना संभव नहीं है लेकिन धीरे-धीरे सभी प्रवासियों की उत्तराखंड वापसी कराई जाएगी, उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी पैदल आने की आवश्यकता नहीं है।।