Happy Ghughutiya Uttrayani wishes: घुघुतिया पर्व – उत्तरायणी की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Ghughutiya Uttrayani wishes: उत्तराखंड में मकर संक्रांति का त्योहार माघ महीने में 14 या 15 तारीख को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कुमाऊं मंडल में मकर सक्रांति को घुघूती ,उत्तरायणी तथा गढ़वाल मंडल में खिचड़ी संक्रात कहा जाता है। बता दें कि घुघुती त्यौहार पौष महीने के खत्म होने तथा माघ महीने के शुरू होने के दिन मनाते हैं। कुमाऊं मंडल में घुघुती को खास त्यौहार के रूप में मनाया जाता है । मकर संक्रांति जब सूर्य मकर रेखा से कर्क रेखा की और प्रवेश करता है तो सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है। इस दिन लोग कई तीर्थ स्थलों हरिद्वार बागेश्वर आदि मे गंगा स्नान करने जाते हैं तथा इस त्यौहार से पहले की जगहों पर उत्तरैणी मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण कौवा होता है।घुघुरी के दिन शाम के समय पूरी पकवान के साथ ही घुघुते (आटे और गुड़ के पाग से तैयार किए जाते हैं) बनाए जाते हैं। बच्चों के लिए घुघुते की माला तैयार की जाती है।घुघुती के अगले दिन सुबह सुबह बच्चे बड़े उत्साह के साथ कौए को कुछ इस प्रकार से बुलाते हैं।
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काले कौआ काले घुघुित माला खाले ले कौआ बड़, मकें दिजा सुनक घड़। काले कौआ काले घुघुित माला खाले॥
ले कौआ पूरी, मकें दिजा सुन छुरी।
काले कौआ काले घुघुित माला खाले॥
ले कौआ डमरू मकें दिजा सुनक घुॅघरू।
काले कौआ काले घुघुित माला खाले॥
ले कौआ पुआ मकें दिजा भल-भल धुला।
काले कौआ काले घुघुित माला खाले॥
ले कौआ ढाल मकें दिजा सुनक थाल।
काले कौआ काले घुघुित माला खाले॥
इन पंक्तियों का अर्थ है कुछ इस प्रकार से है। इसमें कौवों को बुलाकर उनसे प्रार्थना की जा रही है कि हमने जो कुछ भी बनाया है उसे वह स्वीकार करें। मान्यता है कि यदि उस दिन कौआ बाहर रखे गए पत्तल से कुछ भी खा लेता है तो उसे बहुत ही शुभ माना जाता है।
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