रायता पार्टी, काफल पार्टी, नींबू पार्टी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) आयोजित कर रहे हैं माल्टा (Malta) प्रतियोगिता..
अपनी चिर-परिचित अंदाज से सदा लोगों के दिलों-जुबां के साथ ही मीडिया जगत की सुर्खियों में छाए रहने की कोशिश करने वालें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत(Harish Rawat) अब माल्टा (Malta) प्रतियोगिता आयोजित करने जा रहे हैं। एकदम अनौखे अंदाज में आयोजित होने वाली इस माल्टा प्रतियोगिता में जहां पांच मिनट में सर्वाधिक माल्टा खाने वाले व्यक्ति को पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से माल्टाश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा वहीं प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को क्रमशः 1000, 500 एवं 300 रूपए की पुरस्कार राशि के साथ ही स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए जाएंगे। बता दें कि आगामी 18 दिसंबर को राजधानी देहरादून में आनलाइन आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों का आकलन विडियो के जरिए किया जाएगा। अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से प्रतियोगिता की जानकारी साझा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इससे पूर्व भी पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पार्टियों का आयोजन कर चुके हैं। जिनमें रायता पार्टी, काफल पार्टी, नींबू पार्टी, ककड़ी पार्टी आदि का आयोजन कर चुके हैं।
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पहाड़ी उत्पादों के फायदे बताकर लोगों को उन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत:-
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उर्फ हरदा सोशल मीडिया में काफी ज्यादा सक्रिय रहते हैं। वह फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से न केवल भट्ट के डुबके, चड़क्वानी, गहत की दाल, ककड़ी का रायता, गेठी, मंडुवे की रोटी आदि पहाड़ी उत्पादों का आनंद लेते हुए न केवल लोगों को इसके फायदे बताते रहते हैं बल्कि उनको इन पहाड़ी स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। मौसम के हिसाब से अलग-अलग पहाड़ी उत्पादों की पार्टियों का आयोजन करने वाले हरदा न केवल इन पार्टियों का आयोजन कर अपने चाहने वालों को आमंत्रित करते हैं जिसमें विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के लोग भी शामिल रहते हैं। अब इसे उनका कोई राजनीतिक स्टंट कहा जाए या फिर पक्ष-विपक्ष के साथ ही आम जनता में अपनी साख बनाए रखने की उनकी कोई कोशिश, खैर जो भी हो उनकी इन पार्टियों से जहां एक ओर पहाड़ी उत्पादों के प्रचार-प्रसार के साथ ही उसकी ब्रांडिंग भी हो जाती है तथा पार्टियों में सम्मिलित होने वाले लोगों के अतिरिक्त, सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी इन पार्टियों को देखने वाले उन लोगों का ध्यान भी एकाएक पहाड़ी उत्पादों की ओर चला जाता है जो शहरों में रहते हैं।
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