Connect with us
alt="uttarakhand fruit kafal"

उत्तराखण्ड

पहाड़ी गैलरी

स्वास्थ्य

पहाड़ी फलो का राजा काफल: स्वाद में तो लाजवाब साथ ही गंभीर बीमारियों के लिए रामबाण इलाज

alt="uttarakhand fruit kafal"उत्तराखण्ड, एक ऐसा पर्वतीय प्रदेश जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ यहाँ के कुछ विशेष फलों, फूलों और अन्य व्यंजनों के लिए सम्पूर्ण देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इतना ही नहीं यहां से विदेशो को कीमती दवाईयां बनाने के लिए जड़ी बूटी भी भेजी जाती है जो कि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ही उगती हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाली प्रत्येक वनस्पति चाहे वह घांस-फूस या कोई कांटा ही क्यों ना हो किसी ना किसी औषधि के काम आती है। आज हम आपको एक ऐसे ही पहाड़ी ‌सीजनल फल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम शायद आपने पहले भी सुना होगा। जी हां… हम बात कर रहे हैं पहाड़ी फलों के राजा काफल की। पहाड़ी सीजनल फल काफल अपने रसभरे लाल-लाल दानों के साथ बाजार में आ चुका है और इन दिनों 400-500 रूपए किलो बिक रहा है। पहाड़ो में काफल एकमात्र फल ही नहीं है, अपितु अपने गुणों के कारण क‌ई बिमारियों की औषधि भी है। आइए जानते हैं काफल कौन-कौन से रोगों के लिए एक लाभदायक औषधि हैं।




काफी फायदेमंद है काफल, इन बिमारियों का है रामबाण इलाज-:
मुख्यतया पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में पाया जाने वाला खट्टा-मीठा रसीला फल काफल बाजार में उतर आया है। गर्मी के मौसम मेें ये रसीला फल थकान दूर करने के साथ ही तमाम औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इसके सेवन से स्ट्रोक और कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व हाेने के कारण इसे खाने से पेट संबंधित क‌ई रोगों से भी निजात मिलती है। इसके फल से निकलने वाला रस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को क‌ई गुना बढ़ा देता है। कब्ज और एसिडिटी के लिए तो काफल एक रामबाण औषधि है, क्योंकि इसका फल अत्यधिक रस-युक्त और पाचक होता है जिसके कारण पेट संबंधी विकार आसानी से खत्म होते जाते हैं। काफल मानसिक बीमारियों समेत कई प्रकार के रोगों के इलाज के लिए काम में आता है। काफल‌ का फल ही नहीं अपितु इसके तने की छाल का सार, अदरक तथा दालचीनी का मिश्रण अस्थमा, डायरिया, बुखार, टाइफाइड, तथा फेफड़े ग्रस्त अनेक बीमारियों के लिए अत्यधिक उपयोगी है। इतना ही नहीं इसके पेड़ की छाल का पाउडर जुकाम, आँख की बीमारी तथा सरदर्द में सूँघने के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। वनस्पति वैज्ञानिक के अनुसार काफल का वैज्ञानिक नाम ‘माइरिका एसकुलेंटा’ है। खट्टा-मीठा मिश्रित स्वाद युक्त यह फल तीखी गर्मी से भी मानव को राहत प्रदान करता है।




काफल पाको मैं नि चाख्यो , पूर पुत‌ई पूरे पूर-:
काफल के पकने पर पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी एक चिड़िया ‘काफल पाको मैं नि चाखों’ कहते हुए सुनी जाती है जिसका अर्थ है कि काफल पक गए लेकिन मैंने नहीं चखे। जिसके प्रत्युत्तर में दूसरी चिड़िया द्वारा गाते हुए कहां जाता है कि ‘पूर पुत‌ई पूरे पूर’ अर्थात पूरे हैं बेटी, पूरे हैं’। दोनो चिड़ियों के काफल के बारे में आज भी गाने के पीछे एक मार्मिक लोककथा जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि कालान्तर में यह दोनों चिड़ियाएं मां और बेटी थी। दोनों एक गरीब घर से थी और उन दोनों का एक-दूसरे के अलावा कोई सहारा नहीं था। गर्मियों में उनकी आजिविका का सहारा एकमात्र जंगलों में पकने वाले यही काफल थे। वह जंगल से काफल तोड़कर लाती और उसे बाजार में बेचती थी जिससे उसे अच्छी आमदनी हो जाती थी। एक दिन की बात है वह महिला जंगल से एक टोकरी भरकर काफल तोड़ कर लाई। सुबह का समय होने के कारण वह कुछ समय बाद जानवरों का चारा लेने के लिए दुबारा जंगल चलें ग‌ई और जंगल की ओर जाते हुए उसने अपनी बेटी से कहा कि मैं जंगल से चारा काट कर आ रही हूं। तब तक तू इन काफलों की पहरेदारी करना। मैं जंगल से आकर तुझे भी काफल खाने को दूंगी, पर तब तक इन्हें मत खाना।’ तेज धूप होने के कारण मां के आने तक काफल टोकरी में आधे से भी कम हो ग‌ई जब उस महिला ने जंगल से आकर यह देखा तो वह गुस्से से लाल हो गई उसने अपनी बेटी से पूछा कि क्या तूने टोकरी में से काफल खाएं तो बेटी ने साफ-साफ मना किया। बेटी के बार-बार मना करने पर महिला का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने बेटी पर इतनी जोर से प्रहार किया कि बेटी ने वहीं पर दम तोड दिया शाम होते होते टोकरी फिर से काफलों से भरने लगी जिसे देखकर महिला को आत्मग्लानि हुई और वह भी पछतावे के कारण मौत के घाट सिधार गई। कहते हैं कि यह दोनों मां-बेटी ही आजतक दो चिड़ियाओं के रूप में अपनी बातें कहते हैं।




Devbhoomi Darshan Desk

UTTARAKHAND NEWS, UTTARAKHAND HINDI NEWS (उत्तराखण्ड समाचार) Devbhoomi Darshan site is an online news portal of Uttarakhand through which all the important events of Uttarakhand are exposed. The main objective of Devbhoomi Darshan is to highlight various problems & issues of Uttarakhand. spreading Government welfare schemes & government initiatives with people of Uttarakhand

More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top