Haridwar Kawad Yatra 2020: स्थगित कांवड़ यात्रा के बावजूद गंगाजल लेने हरिद्वार आए कांवड़िए तो होना पड़ेगा 14 दिन क्वारंटीन, रहने-खाने का खर्चा भी खुद उठाना पड़ेगा..
कोरोना वाइरस का साया अब कांवड़ यात्रा पर भी पड़ चुका है। संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जहां उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारें इस बार 6 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा (Haridwar Kawad Yatra 2020) पर पूरी तरह रोक लगा चुकी है वहीं सरकारों के दिशा-निर्देशों के बाद अब तीनों ही राज्यों की पुलिस भी हरकत में आ चुकी है। इसी सम्बंध में हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ियों को हर हाल में रोकने के लिए सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। हरिद्वार पुलिस द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रृदालुओं के हरिद्वार आने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा बावजूद इसके यदि कोई कांवड़िया गंगाजल लेने हरिद्वार आता है तो उसे न सिर्फ 14 दिनों तक हरिद्वार में ही क्वारंटीन होना पड़ेगा बल्कि इस दौरान रहने एवं खाने का खर्चा भी खुद उठाना पड़ेगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कांवड़ियों को रोकने के लिए बार्डर पर भी सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
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हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री पर पूरी तरह प्रतिबंध, राहत शिविर और भंडारे भी नहीं लगेंगे:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते बुधवार को कांवड़ यात्रा (Haridwar Kawad Yatra 2020) को लेकर एक बैठक का आयोजन हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में हरिद्वार में कांवड़ियों की एट्री पूरी तरह प्रतिबंधित करने पर आम सहमति बनी। बैठक में मौजूद उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि तीनों ही राज्य अपने-अपने यहां सघन चेकिंग अभियान चलाकर कांवड़ियों को हरिद्वार आने से रोकेंगे। इसके साथ ही तीनों ही राज्यों के पुलिस कर्मियों द्वारा अपने-अपने राज्यों की सीमाओं पर भी कांवड़ियों को रोकने के लिए नाकेबंदी की जाएगी। कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय आम जनता में प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा परंतु बावजूद इसके यदि कोई श्रद्धालु लॉकडाउन का उल्लंघन कर कांवड़ लेने हरिद्वार आता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सभी पुलिस अधीक्षकों ने कहा कि इस वर्ष यात्रा मार्गों में किसी भी प्रकार के राहत शिविर या भंडारों का आयोजन भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
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