Almora Gangnath Temple History: अल्मोड़ा से 10 किलोमीटर की दूरी पर बाबा गंगनाथ का ऐसा मंदिर जहां हर दंपति की संतान इच्छा की मनोकामना होती है पूरी
देवभूमि उत्तराखंड में वैसे तो अनेकों मंदिर और प्रसिद्ध धाम हैं।उन्हीं मे एक है गंगनाथ बाबा।गंगनाथ बाबा कुमाऊँ मंडल के मुख्य देवताओं में से एक माने जाने वाले देवता है जिनको गोलू देवता की ही तरह न्याय के देवता भी कहा जाता है।कुमाऊँ-मंडल मे गंगनाथ बाबा के बहुत से मंदिर है,उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर से हम आपको अवगत कराना चाहते हैं जी हां हम बात कर रहे हैं कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाबा गंगनाथ जी के मंदिर की। बता दें कि बाबा गंगनाथ का यह प्राचीन कालीन मंदिर अल्मोड़ा धारानौला से पिथौरागढ़ रोड में उदयशंकर नाट्य एकेडमी से 500मीटर आगे चट्टानों के ऊपर स्थित है। बाबा गंगनाथ के इस मंदिर में गंगनाथ बाबा के साथ माता भानु उनके पुत्र की प्राचीन प्रतिमाएं विराजमान है।(Almora Gangnath Temple History)
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बाबा गंगनाथ के इस प्राचीन मंदिर की मान्यता है कि यहां पर जो भी मनोकामना मांगी जाती है बाबा गंगनाथ के द्वारा उसे पूरा कर दिया जाता है ।इसके साथ ही यहां पर संतान की मनोकामना मांगने वाले दंपतियों की भी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। बताते चलें कि बाबा गंगनाथ के इस मंदिर में भक्त उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों तथा देश -विदेशों से भी आते है।मंदिर के पुजारी दीपक लोहनी के अनुसार बाबा गंगनाथ के आशीर्वाद से मनोकामना मांगने वाले अनेकों दंपतियों को संतान की प्राप्ति हुई है। इसके अलावा बाबा के मंदिर में नौकरी, शादी, परिवार में आपसी तनाव आदि समस्याओं को लेकर आने वाले भक्तो भी कभी खाली हाथ नहीं लौटना पडा। बाबा गंगनाथ मंदिर मे श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने पर वे बाबा गंगनाथ को धोती-कुर्ता, पगड़ी, बांसुरी, छत्र और भानु माता को वस्त्र और श्रृंगार की सामग्री आदि चढ़ाते हैं। भानु माता के पुत्र को भक्त खिलौने आदि का चढ़ावा चढ़ाते हैं। गंगनाथ मंदिर में भक्तो द्वारा जागर और भंडारा भी कराया जाता है।