Uttarakhand: नौ कुमाऊं रेजिमेंट (Kumaon Regiment) में तैनात हवलदार (Hawaldar)मुकेश कुमार अरूणाचल प्रदेश में हुए शहीद, पिता भी रह चुके हैं भारतीय सेना का हिस्सा..
अरूणाचल प्रदेश से समूचे देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के लिए एक बेहद दुखद खबर आ रही है जहां बोमडिला में तैनात कुमाऊं रेजीमेंट (Kumaon Regiment) का एक हवलदार (Hawaldar) शहीद हो गया है। शहीद हवलदार की पहचान नौ कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात हवलदार मुकेश कुमार के रूप में हुई है। हवलदार के शहीद होने की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मच गया वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनका पार्थिव शरीर मंगलवार देर रात तक काशीपुर पहुंचने की संभावना है। बताया गया है कि शहीद मुकेश का निधन आग लगने के कारण होने की बात कही जा रही है। हालांकि अभी तक सेना द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं की गई है। बता दें कि शहीद हवलदार मुकेश के पिता ओमप्रकाश भी सेना में थे और वे रानीखेत कैंट छावनी से सेवानिवृत्त हुए थे। शहीद मुकेश अपने पीछे पत्नी नीलम और दो बेटो 18 वर्षीय विशाल एवं 15 वर्षीय ऋषभ के साथ ही पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। हवलदार की शहादत की खबर से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
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चार महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे हवलदार मुकेश, लेकिन उससे पहले ही आ गई शहादत की दुखद खबर, परिजनों में मचा कोहराम:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के गक्खरपुर गांव निवासी मुकेश कुमार पुत्र स्व. ओमप्रकाश नौ कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार थे। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में थी। जहां वह बीते तीन वर्षों से तैनात थे। दस वर्ष पूर्व हवलदार मुकेश ने राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर तहसील के नंदरामपुर गांव में मकान बनाया, तब से उनका पूरा परिवार यही रहता है। बताया गया है कि बीते रविवार को सेना के अधिकारियों द्वारा हवलदार मुकेश के परिजनों को सूचना दी गई कि मुकेश की हालत बेहद खराब है। इसी के कुछ देर बाद हवलदार के शहीद होने की खबर सेना द्वारा परिजनों को दी गई। खबर सुनकर उनके परिवार में कोहराम मच गया। बता दें कि शहीद हवलदार मुकेश को चार महीनों बाद चार अप्रैल 2021 में सेवानिवृत्त होना था, परिजन उनके सेवानिवृत्त होकर घर आने का बेशब्री से इंतजार कर रहे थे परन्तु इससे पूर्व ही रविवार को उनके शहादत की दुखद खबर आ गई।
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