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alt="major chitresh Bisht"

उत्तराखण्ड

देहरादून

सेना मेडल से नवाजे गए शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट , बेटे का मेडल देख छलक आई पिता की आंखें

72वें सेना दिवस पर आज दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत वीरता के सेना मेडल से सम्मानित किया गया।

 

alt="major chitresh Bisht"मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत हमेशा हर उत्तराखंडी के दिल में जीवित रहेगी, आज भी उनकी शहादत के वाकये को याद कर आंखें नम हो जाती है। अपनी जान पर खेलकर आईईडी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट को आज सेना दिवस के अवसर पर मरणोपरांत वीरता के सेना मेडल से सम्मानित किया गया। मेजर चित्रेश की जगह उनके पिता एसएस बिष्ट ने यह सेना मेडल (वीरता) पुरस्कार ग्रहण किया। सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे से बेटे का वीरता पुरस्कार ग्रहण करते समय एस‌एस बिष्ट के चेहरे पर भावुकता साफ झलक रही थी। सेना के इसी कार्यक्रम में एस‌एस बिष्ट द्वारा बेटे की वीरता पुरस्कार ग्रहण करने की विडियो हम आपको दिखा रहे हैं। बता दें कि 72वें सेना दिवस पर दिल्ली मुख्यालय के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में आज देश के वीर जांबाजों को उनके शौर्य और पराक्रम के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के सहित कई अन्य देश के वीर सपूतों को भी पुरस्कार देकर देशवासियों ने उनकी साहस, वीरता एवं जज्बे को सलाम किया।




पुलवामा हमले के बाद तीन आईईडी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर राजौरी के नौशेरा सेक्टर में हुए थे शहीद- राज्य के देहरादून जिले के नेहरू कालोनी निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट जम्मू-कश्मीर के राजौरी में स्थित नौशेरा सेक्टर में बीते साल 16 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद आईईडी निष्क्रिय करते हुए शहीद हो गए थे। बता दें कि अपनी शादी से मात्र 19 दिन पहले वीरगति को प्राप्त करने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट ने शहीद होने से पहले दुश्मनों द्वारा लगाई गई आईडी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया था। मेजर चित्रेश की इस वीरतापूर्ण कार्य को पूरे देश ने सलाम किया था। चार में से तीन आईईडी को तो मेजर चित्रेश बिष्ट ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए सफलतापूर्वक डिफ्यूज कर लिया गया था, लेकिन चौथे आईईडी को डिफ्यूज करते समय इसमें ब्लास्ट हो गया है और इसी ब्लास्ट में मेजर चित्रेश बिष्ट वीरगति को प्राप्त हो गए थे।




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