Champawat road accident today : चंपावत के टनकपुर से भवन निर्माण सामग्री लेकर जा रहा कैंटर अनियंत्रित होकर नदी में समाया, चालक की चली गई जिंदगी…
Champawat road accident today : उत्तराखंड मे दर्दनाक हादसे कहर बनकर टूट रहे है जिसके चलते आए दिन कई लोग दर्दनाक हादसो का शिकार हो रहे हैं जिसकी वजह कहीं ना कहीं वाहनों की तीव्र गति मानी जाती है लेकिन इसके अलावा अधिकांश हादसे पहाड़ी क्षेत्रों में रात के समय घटित होते हैं क्योंकि यहां पर वाहन चालक को ठीक से तीखे मोड़ों का अंदाजा नहीं लग पाता है जिसके कारण वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ऐसी ही कुछ खबर चंपावत जिले से सामने आ रही है जहां पर भवन निर्माण की सामग्री ले जा रहा कैंटर नदी में समा गया। जिसके कारण कैंटर चालक की हादसे में जिंदगी चली गई ।
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champawat canter accident today अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चंपावत जिले के अमोडी क्षेत्र के कोट गांव के निवासी (24) वर्षीय लीलाधर भट्ट पुत्र स्वर्गीय शंकर दत्त भट्ट अपने (24) वर्षीय साथी सोनू राय पुत्र भैरव राय निवासी रायनगर के साथ बीते बुधवार की देर रात करीब 9:30 बजे के आसपास कैंटर संख्या ( UK04CC7477) में सवार होकर टनकपुर से लोहाघाट की ओर भवन निर्माण की सामग्री लेकर जा रहे थे। तभी जैसे ही उनका वाहन शिवालय मंदिर के पास पहुंचा तो अनियंत्रित होकर लोहावती नदी में जा गिरा। जिसकी सूचना राहगीरों ने पुलिस प्रशासन को दी। मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाना शुरू किया जिसके चलते हादसे मे घायल हुए सोनू को वाहन की बॉडी काटकर बाहर निकाल लिया गया था तथा तुरंत उपचार के लिए लोहाघाट अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं दूसरी ओर कैंटर चालक लीलाधर भट्ट लापता चल रहे थे जिन्हे पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार ढूंढने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया लेकिन बीते बुधवार की रात तक उनका कुछ पता नहीं चला। जिसके बाद गुरुवार की सुबह फिर से रेस्क्यू अभियान चलाया गया जिसके तहत करीब 19 घंटे की मशक्कत के बाद लीलाधर भट्ट का शव वाहन से बाहर निकाला गया।
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lohaghat Champawat road accident news today बताया जा रहा है कि कैंटर क्रैश बैरियर से रगड़ते हुए करीब 40 मी नीचे गिरा था। वहीं सोनू ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि टनकपुर से आते वक्त वह वाहन मे सोए हुए थे और जब उनकी नींद खुली तो चालक ने बताया कि वह मानेश्वर पहुंचने वाले हैं। इसके बाद सोनू फिर से सो गए और जैसे ही वाहन नदी में गिरा तो अचानक पानी उनके शरीर में चला गया जिससे उनकी नींद खुल गई। इसके बाद उन्होंने रात के अंधेरे में कैंटर चालक को काफी आवाज़ लगाई लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। सोनू ने मदद के लिए नदी से आवाज लगाना शुरू किया जिनकी आवाज सुनकर लोग तुरंत घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े थे जिसके चलते उनकी जान बच गई। वहीं बताते चले कैंटर चालक के शव को निकालने में देरी हुई जिसके कारण ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए नजर आए।
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