uttarakhand: उत्तराखण्ड पुलिस के डीजी ने जारी किया पुलिस कर्मियों के नाम फरमान, उल्लघंन करने वालों कानून के हिसाब से ही दे दंड..
आपने सोशल मीडिया के माध्यम से लाॅकडाउन का उल्लघंन करने वालों को पुलिस द्वारा अजब-गजब तरीकों से सजा देते हुए देखा होगा। इन तरीकों में मुर्गा बनाना, डिप्स-पुशअप लगवाना या फिर उठक-बैठक करवाना मुख्य रूप से शामिल हैं परन्तु अब पुलिस कर्मी लाॅकडाउन का उल्लघंन करने वालों को इस तरह की अनआर्थोडाक्स सजा नहीं दे पाएंगे। उत्तराखण्ड पुलिस के डीजी ला एंड आर्डर आईपीएस अशोक कुमार ने पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया है कि सजा देने के ऐसे तरीकों को ना अपनाया जाए। उन्होंने सभी पुलिस कर्मियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि लाॅकडाउन का उल्लघंन कर अनावश्यक रूप से सड़कों पर घूमने वालों पर कानून के अंतर्गत कारवाई की जाए। यदि आपको लगता है कि उल्लंघन करने वालों को अपनी गलती का एहसास है तो उन्हें चेतावनी देकर माफ कर दिया जाए, परन्तु यदि उल्लंघन करने वाला बार-बार लाॅकडाउन के नियमों को तोड रहा है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस तरह के अनआर्थोडाक्स तरीकों को सही नहीं मानता इससे हमारी छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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बोले डीजी, स्वागत/सम्मान कार्यक्रमों से भी दूरी बनाए पुलिस कर्मी:-
बता दें कि उत्तराखण्ड पुलिस के डीजी ला एंड आर्डर अशोक कुमार ने एक विडियो जारी कर पुलिस कर्मियों को कानून के अंतर्गत ही कारवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस कर्मियों को सम्मान समारोह से बचने की भी हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि आजकल कोरोना वारियर्स का स्वागत/सम्मान करने का एक सिलसिला शुरू हो गया है। इन सम्मान समारोह की तमाम विडियो में प्राय: देखा गया है कि लोग सम्मान करते-करते सामाजिक दूरी के नियमों को भूल जाते हैं। जिससे पूरी तरह लाॅकडाउन के नियमों का भी उल्लंघन होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सम्मान के लिए जिन फूल-मालाओं का प्रयोग होता है उनसे भी कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना बनी रहती है और इससे आपको भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए आपकी सेहत के लिए जरूरी है कि ऐसे सम्मान/स्वागत कार्यक्रमों से दूरी बनाई जाए। डीजी ने राज्य की जनता से भी अपील की है कि इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन न किया जाए अगर आपको कोरोना वारियर्स का सम्मान करना ही है तो इसके लिए सोशल मीडिया एक सुरक्षित प्लेटफार्म है।
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