टेढ़े मेढे पहाड़ी रास्तों पर चार किलोमीटर पैदल चलकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (Mangesh Ghildiyal) ने किया सौंग बाध क्षेत्र का निरीक्षण, जिलाधिकारी (DM Tehri) ने पैदल चलने से बचने वाले अधिकारियों को दिखाया आईना..
हमेशा अपने अच्छे कार्यों से जाने जाने वाले लोकप्रिय आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल (Mangesh Ghildiyal) ने एक बार फिर अन्य सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए मिशाल पेश की है। जी हां.. टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (DM Tehri) ने बीते सोमवार को चार किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर न सिर्फ सौंग बाध क्षेत्र का निरीक्षण किया बल्कि पहाड़ के जिन टेढ़े मेढे रास्तों पर चलने से कतराने वाले अधिकारीयों/कर्मचारीयों को आईना भी दिखाया। डीएम ने अधिकारियों की टीम के साथ अपना यह दौरा प्रस्तावित सौंग बाध परियोजना से प्रभावित होने वाले गांवों का जायजा लेने के लिए किया था परंतु ठंडा पानी से रगडगांव तक का सड़क मार्ग बरसात के कारण क्षतिग्रस्त होने से उन्हें चार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी। जिलाधिकारी ने क्षेत्र में पहुंचकर न सिर्फ ग्रामीणों की समस्याओं को सुना बल्कि समस्याओं के समाधान का भरोसा भी ग्रामीणों को दिलाया।
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पैदल गांव पहुंचकर जिलाधिकारी ने सूनी ग्रामीणों की समस्याएं, तुरंत सम्बंधित अधिकारियों को दिए कार्यवाही के निर्देश:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने सोमवार को प्रस्तावित सौंग बाध क्षेत्र का निरीक्षण किया। रगड़ गांव पहुंचने के बाद उन्होंने ग्रामीणों की फरियाद भी सुनी। बताया गया है कि ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के सामने मटियान गांव से कुंड होते हुये सकलाना-दुबड़ा से रगड़गांव तक पीएमजीएसवाई सड़क को लिंक करते हुए सैरा व ऐरल गांव को इनसे जोड़ने, सौंग बांध परियोजना के तहत प्रभावित ग्रामीणों को भूमि के बदले भूमि दिए जाने, सर्किल रेट बढ़ाने व सौंदणा में नदी पर पुल बनाने आदि समस्याएं रखीं। ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने के बाद जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को कार्यवाही करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों से बातचीत में जिलाधिकारी ने कहा कि सौंग बांध परियोजना में विस्थापन को लेकर जो भी नीति बनाई जायेगी। उस नीति के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने ठंडा पानी से रगड़गांव तक क्षतिग्रस्त मोटर मार्ग को प्राथमिकता से सुचारू करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए। बता दें कि इसी मोटर मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद जिलाधिकारी चार किलोमीटर से अधिक का सफर पैदल तय कर रगड़ गांव पहुंचे थे।
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