Connect with us
alt="a big mistake by uttarakhand roadways"

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड प्रवासी को जाना था रुद्रप्रयाग लेकिन सहायता कर्मियों ने पहुंचा दिया चमोली

प्रवासी उत्तराखण्डी को जाना था रूद्रप्रयाग पहुंच गए चमोली.. लॉकडाउन में भी दूर नहीं हुई रोडवेज (uttarakhand roadways) की खामियां..

“आसमान से गिरा खजूर में अटका” यह सुप्रसिद्ध कहावत सुनने में तो अच्छी लगती हैं इसका सही मायने में क्या अर्थ है इसका अंदाजा वहीं लगा सकता है जिसके साथ ऐसी घटना घटित हुई हो। वो भी ऐसे समय में जब होटल, रेस्टोरेंट और गाडियां सब कुछ बंद हैं, तो उस व्यक्ति पर क्या बीतेगी, इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस कहावत को चरितार्थ करता एक वाकया उत्तराखण्ड से भी सामने आ रहा है। लॉकडाउन के इस मुश्किल दौर में भी उत्तराखण्ड परिवहन निगम (uttarakhand roadways) की व्यवस्थाओं में कितनी खामियां हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चंडीगढ़ में फंसा एक व्यक्ति रूद्रप्रयाग जाने की बात कहकर बस में बैठता है लेकिन रोड़वेज के चालक/परिचालक द्वारा उसे चमोली पहुंचा दिया जाता है। गैरसैंण पहुंचने पर जब वह इसकी शिकायत बस के चालक और परिचालक से करता है तो उल्टा चोर कौतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है अर्थात चालक/परिचालक अभद्रता पर उतर आते हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं लॉकडाउन के कारण चंडीगढ़ में फंसे रुद्रप्रयाग निवासी गोविंद राम प्रसाद की, जिन्हें देहरादून पहुंचने के बाद रुद्रप्रयाग की बस में बैठाने के बजाय चमोली की बस में बैठा दिया गया और अब वह वहीं फंस गए हैं।


यह भी पढ़ें– प्रवासी उत्तराखण्डियों की घर वापसी की प्रक्रिया शुरू, चंडीगढ़ के बाद अब गुरूग्राम भेजी गई बसें

देहरादून से रूद्रप्रयाग उतारने की बात कहकर बैठाया गया चमोली की बस में:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम इजरा (जखोली) निवासी गोविंद राम प्रसाद ममगाईं चंडीगढ़ में काम करते थे और लॉकडाउन के कारण काम बंद होने के बावजूद वहीं फंस गए थे। जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि प्रवासियों को लाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बसें भेजी जाएगी और घर वापस जाने के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है तो उन्होंने अपने गांव जखोली जाने के लिए तुरंत नियमानुसार पंजीकरण कराया। जिसके बाद वह सोमवार रात को चंडीगढ़ से देहरादून पहुंचे लेकिन मंगलवार सुबह मेडिकल जांच के बाद उन्हें रूद्रप्रयाग की बस में बैठाने की बजाय चमोली की बस में यह कहकर बैठा दिया गया कि आपको रूद्रप्रयाग में उतार दिया जाएगा। देहरादून से जब बस चली तो गोविंद के चेहरे पर परिजनों से मिलने की खुशी झलक रही थी परंतु जैसे ही बस अंतिम स्टॉप पर बस रुकी तो उनके ऊपर मुसीबतों के बादल मंडराने लगे और पता चला कि वह रूद्रप्रयाग नहीं बल्कि गैरसैंण पहुंच गए। गोविन्द का कहना है कि जब उन्होंने बस के चालक परिचालक से इसकी शिकायत की तो वह दोनों उनके साथ अभद्रता पर उतर आए। उन्होंने यह भी कहा कि व्यवस्था की खामी का नुक़सान एक आम नागरिक को भुगतना पड़ रहा है।


यह भी पढ़ें– उत्तराखण्ड के इन 12 रूट पर चलेगी ट्रेन सीएम ने रेल मंत्री पियूष गोयल से की अपील देखिए विडियो

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!