उत्तराखण्ड की बेटी मोनिका राणा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में बनी वैज्ञानिक
बेटियां घर की रौनक होती हैं और माता-पिता के दिल के बेहद करीब भी होती हैं। सच ही कहा गया है…बेटियां हैं तो इस संसार में बहार है। बेटियां है तो अंधेरे में भी चमक है। बेटियां है तो हर वक्त हर किसी को सहारा है। बेटियां मान हैं, सम्मान हैं, और ये मान सम्मान आज फिर एक बेटी ने देवभूमि उत्तराखण्ड को दिया है जी हां बता दे की देवभूमि उत्तराखंड की ऐसी ही एक बेटी का चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है। हम बात कर रहे हैं राज्य के चमोली जिले की रहने वाली मोनिका राणा की। मोनिका की इस अभूतपूर्व सफलता से उनके गांव सहित सम्पूर्ण क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। मोनिका के वैज्ञानिक बनने पर उनके पारिवारिक सदस्यों के अलावा गांव के ग्राम प्रधान एवं अन्य ग्रामीणों का कहना है कि मोनिका ने क्षेत्र का ही नहीं समूचे प्रदेश का नाम रोशन किया है।
बता दें कि मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के कांडई-चंद्रशिला गांव निवासी मोनिका राणा का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक के पद पर चयन हुआ है। तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी मोनिका का परिवार वर्तमान में राज्य के देहरादून ज़िले में रहता है। उनके पिता शिशुपाल सिंह राणा सेना के शिक्षा कोर से नायब सूबेदार के पद से रिटायर हैं, जबकि उनकी माता ऊषा राणा एक कुशल गृहणी हैं। मोनिका ने अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। अपनी सफलता पर वो कहती है कि कठिन परिश्रम और लगन से की गई मेहनत से ही कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, अपने लक्ष्य के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। बताते चलें कि मोनिका की एक बहन दीपिका राणा इन दिनों दिल्ली में आईएएस की तैयारी कर रही हैं, जबकि छोटी बहन सोनी राणा भारतीय सेना के नेवी हॉस्पिटल मुंबई में नर्सिंग ऑफिसर का प्रशिक्षण ले रही हैं। मोनिका का भाई सूरज राणा डीबीएस कॉलेज देहरादून से बीकॉम कर रहा है।